भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के वनों (MP Forest) का विस्तार देने के साथ बाघों के बाद हाथी (Elephant) लाने के प्रयास में मध्य प्रदेश सफल हो गया। दरअसल वन विभाग (Forest department) के कई दौरे के बाद आखिरकार असम सरकार (Assam Government) ने हाथी देने की सहमति दे दी है। प्रदेश भर में 6 टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve)-10 नेशनल पार्क है। जिनमें 50 हाथियों की जरूरत है। इसी बीच असम से प्रदेश के वन अभयारण्यों के लिए 15 हाथी लाए जाएंगे।
दरअसल असम सरकार ने 15 हाथी देने पर सहमति दे दिए वन अधिकारी असम का दो बार दौरा कर चुके हैं। वहीं तीसरे दल को दौरे के लिए भेजा जाए। जिसमें हाथियों के स्वास्थ्य परीक्षण के बाद उन्हें लाने की अन्य औपचारिकताएं पूरी की जाएगी। प्रदेश के 6 टाइगर रिजर्व और 10 नेशनल पार्क में 50 हाथी की जरूरत है।
जिसमें वर्तमान में 28 हाथी शामिल है। वहीं अन्य 22 हाथियों की आवश्यकता और है। मध्य प्रदेश के मुख्य वन प्राणी अभिरक्षक जेएस चौहान के मुताबिक असम के बारे में 15 हाथी लाए जा रहे हैं। वहां की सरकार ने हाथी की सहमति दे दी है। जल्द एक दल वहां भेजा जाएगा। जो औपचारिकताएं पूरी करेगा।
बता दे कि मध्यप्रदेश में हाथी लाने का प्रयास 2012 से किया जा रहा है। वन अधिकारियों द्वारा अंडमान निकोबार असम और कर्नाटक का दौरा भी किया गया था। इस बार राजस्थान के राजघराने के पालतू हाथी लाने पर भी चर्चा की गई थी। हालांकि इसके लिए हाई कोर्ट से अनुमति लेनी पड़ती है। इसलिए वन विभाग ने इस विचार पर विराम लगा दिया।
वही दो बार के दिल के दौरे के बाद आखिरकार असम ने 15 हाथी देने की सहमति दे दी है। बता दें कि संचालक एल कृष्णमूर्ति के नेतृत्व में दो बार वन कर्मियों द्वारा असम का दौरा किया गया था। अब मध्यप्रदेश लाने के लिए हाथी पसंद करने और उसके स्वास्थ्य परीक्षण सहित अन्य औपचारिकताएं पूरी करने के लिए जल्दी एक दल असम भेजा जाएगा।