भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में मध्य प्रदेश (MP) को बड़ी कामयाबी मिली है। दरअसल बासमती चावल की GI Tagging को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज मध्य प्रदेश सरकार (mp government) की दलील को स्वीकार कर लिया गया है। वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट (madras high court) को एक बार फिर से मामले की सुनवाई का आदेश दिया है। जिसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) ने कहा कि आज प्रदेश मैं बासमती चावल की खेती करने वाले किसान के लिए राहत की खबर है। साथ ही यह हर्ष और आनंद का क्षण है।
दरअसल मध्य प्रदेश के बासमती चावल के GI Tagging को लेकर लंबे समय से विवाद की स्थिति उत्पन्न है। इस मामले में मद्रास हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिसे मद्रास हाई कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया था। वही मद्रास हाईकोर्ट की दलील के बाद मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई गई थी। जिस पर अब सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की दलील को स्वीकार कर लिया है।
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सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट का निर्देश दिया है कि मध्य प्रदेश सरकार की याचिका पर पुनर्विचार किया जाए और सरकार के तर्को को ध्यान में रखकर फैसला लिया जाए। ज्ञात हो कि GI Tagging को लेकर मध्य प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। जहां याचिका स्वीकार होने के बाद एक बार फिर से मध्यप्रदेश में बासमती चावल को GI टैग मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।
ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश बासमती चावल की GI टैगिंग के लिए 12 सालों से मांग की जा रही है। जिसकी लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट में चली गई है। इससे पहले पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, पश्चिम उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर सहित हिमाचल के कुछ जिलों के बासमती चावल को GI टैग मिली हुई है।
वहीं मध्यप्रदेश के 13 जिलों में बासमती चावल का उत्पादन किया जाता है। जिसमें ग्वालियर, श्योपुर, दतिया, शिवपुरी, गुना, विदिशा, होशंगाबाद, सीहोर, रायसेन, जबलपुर, नरसिंहपुर, मुरैना और भिंड शामिल है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया कि मद्रास हाईकोर्ट इस मामले की पुन: सुनवाई करे और मध्यप्रदेश सरकार के तर्कों को ध्यान में रखकर पुन: फैसला ले।
मुझे विश्वास है कि प्रदेश के किसानों को शीघ्र न्याय मिलेगा और उनके श्रम का पूरा लाभ भी। अन्नदाता के हितों की रक्षा के लिए हम संकल्पित हैं।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 8, 2021
बासमती चावल की खेती करने वाले मध्यप्रदेश के किसान भाई-बहनों के लिए राहत के साथ हर्ष और आनंद का यह क्षण है।
प्रदेश के 13 जिलों में पैदा होने वाले बासमती को GI टैग देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में मध्यप्रदेश की दलील को स्वीकार किया है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 8, 2021