Mohan Cabinet Decision : यहां पढ़िए मोहन कैबिनेट बैठक के बड़े फैसले, इन प्रस्तावों पर भी लगी मुहर

मध्यम इकाई को 100 से अधिक रोजगार देने पर डेढ़ गुना अनुदान दिया जाएगा। रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए प्रति कर्मचारी 5000 रुपए प्रति माह 5 वर्ष तक मदद की जाएगी। इसके साथ ही कौशल विकास प्रशिक्षण हेतु 13000 रुपए की सहायता का भी नीति में प्रावधान है।

Pooja Khodani
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Mohan Cabinet Meeting 2025 : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मंगलवार को सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में अहम कैबिनेट बैठक सम्पन्न हुई। 24-25 फरवरी को भोपाल में होने जा रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।

प्रदेश को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए मप्र MSME विकास नीति-2025 और स्टार्ट-अप पॉलिसी और कार्यान्वयन योजना-2025 को मंजूरी दी है।MSME विकास नीति-2025 के जरिए निवेश पर 40% तक की सहायता, नए उद्योगों में नवकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन, अनुसूचित जाति/जनजाति, महिला उद्यमी इकाई को 48% की सहायता और पिछड़े विकासखण्डों में 1.3 गुना सहायता का प्रावधान किया गया है।

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मोहन कैबिनेट बैठक में इन प्रस्तावों को मंजूरी

एकीकृत टाउनशिप नीति 2025:
  • संबंधित निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए “एकीकृत टाउनशिप नीति 2025” लागू किये जाने की स्वीकृति दी गयी। एकीकृत टाउनशिप को विकास के उन क्षेत्रों में लागू किया जाएगा जहां इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं उपलब्ध हैं।
  • इस नीति में 5 लाख से कम आबादी वाले शहरों के लिए भूमि की न्यूनतम अर्हता 10 हेक्टेयर और 5 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए भूमि की न्यूनतम अर्हता 20 से 40 हेक्टेयर होगी।
  • डेवलपर को इस नीति में सक्षम प्राधिकारी के साथ पंजीयन कराना आवश्यक होगा। टाउनशिप प्रस्ताव अनुमोदन के लिए राज्य स्तर पर प्रमुख सचिव एवं जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में साधिकार समिति गठित की जायेगी। टाउनशिप नीति के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसी संचालनालय, नगर तथा ग्राम निवेश होगी।
मप्र एमएसएमई विकास नीति-2025 का अनुमोदन
  • मंत्रि-परिषद् द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के संवर्धन के लिए नवीन मध्यप्रदेश एमएसएमई विकास नीति-2025 का अनुमोदन दिया गया।
  • निवेश पर प्रोत्साहन के लिए 40 प्रतिशत तक की सहायता, नए उद्योगों में नवकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन, अनुसूचित जाति/जनजाति, महिला उद्यमी इकाई को 48 प्रतिशत की सहायता के साथ पिछड़े विकासखण्डों में 1.3 गुना सहायता दी जायेगी।
  • निर्यात प्रोत्साहन के रूप मे निर्यातक इकाई को निवेश पर 52% तक की सहायता, निर्यात के लिए माल ढुलाई पर अधिकतम 2 करोड़ रूपए की सहायता और निर्यात के लिए प्रमाण-पत्र पर 50 लाख रुपए की सहायता दी जायेगी।
  • नई नीति में मध्यम इकाई को 100 से अधिक रोजगार देने पर डेढ़ गुना अनुदान, रोजगार सृजन सेक्टर में प्रति कर्मचारी 5 हजार रूपये प्रति माह 5 वर्ष के लिए एवं कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए 13 हजार रुपए की सहायता दी जायेंगी। नवीन क्षेत्र जैसे एमएसएमई एक्सचेंज, लीन इंजीनियरिंग, टेस्टिंग लैब और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के लिए सहायता दी जायेगी।
  • नीति में पहली बार सेवा क्षेत्र में लॉजिस्टिक, रिसाईकलिंग, मोटर यान स्क्रेपिंग और आरएंडडी को भी शामिल किया गया है। मेडिकल डिवाइस और फुटवियर क्षेत्र के लिए पहली बार विशेष पैकेज दिया जायेगा।
औद्योगिक भूमि, भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम मे संशोधन
  • मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश एमएसएमई को औद्योगिक भूमि, भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम-2021 मे संशोधन का अनुमोदन दिया गया। निर्णय अनुसार विकसित औद्योगिक भू-खण्डों एवं फ्लैटेड इण्डस्ट्रियल एरिया/कॉम्पलेक्स का आवंटन “ई-बिडिंग” पद्धति से तथा अविकसित भूमि का आवंटन ऑन लाईन प्रक्रिया आधारित पारदर्शी तरीके से आवेदन प्राप्त कर किया जायेगा।
  • साथ ही अधिक सरल एवं पारदर्शी प्रक्रिया से गंभीर निवेशक को त्वरित गति से आवंटन किया जायेगा। औद्योगिक क्षेत्रों का संधारण उद्योग संघ अथवा अन्य एजेंसी से किया जायेगा।
मध्यप्रदेश स्टार्ट-अप नीति एवं कार्यान्वयन योजना-2025
  • मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करने के लिए मध्यप्रदेश स्टार्ट-अप नीति एवं कार्यान्वयन योजना-2025 का अनुमोदन किया गया।
  • मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना अंतर्गत स्टार्ट-अप्स को बैंकों के माध्यम से कोलेप्टल-फ्री ऋण उपलब्ध कराकर उन्हें केन्द्र सरकार की ‘स्टार्ट-अप्स के लिये ऋण गारंटी स्कीम अंतर्गत कवरेज तथा प्रचलित दर पर देय गारंटी शुल्क की प्रतिपूर्ति (अधिकतम 05 वर्षों तक) एवं वितरित ऋण पर 05 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अनुदान प्रतिपूर्ति (अधिकतम 05 वर्षों तक) की जायेगी।
  • उल्लेखनीय है कि प्रदेश में प्रति स्टार्ट-अप 10.2 रोजगार निर्माण हो रहा है। नीति अंतर्गत 10 हजार स्टार्ट-अप की स्थापना की जाना है। इस तरह 1 लाख 2 हजार रोज़गार सृजित हो सकेंगे।
  • मध्यप्रदेश स्टार्ट-अप पॉलिसी-2025 की प्रमुख विशेषताओं में स्टार्ट-अप के जीवन चक्र के प्रत्येक चरणों (आईडिएशन, वैलिडेशन, अली स्टेज, ग्रोथ) में नीति के माध्यम से सहायता, प्रत्येक स्टार्ट-अप को 12 महीने तक की अवधि के लिए आन्त्रप्रेन्योर-इन-रेसिडेंस (ईआईआर) के रूप में 10 हजार रुपये प्रति माह की वितीय सहायता, 100 करोड़ रूपये का स्टार्ट-अप कैपिटल फंड और प्रति स्टार्ट-अप अधिकतम 30 लाख रूपये तक का सीड अनुदान, विद्युत शुल्क में छूट, रोजगार सृजन प्रोत्साहन और विद्युत टैरिफ में प्रतिपूर्ति सहायता दी जाएगी।
मध्यप्रदेश सिविल एविएशन पॉलिसी-2025 का अनुमोदन
  • केन्द्र सरकार की उड़ान (राष्ट्रीय नागर विमानन प्रोत्साहन नीति) योजना के समन्वय से मध्यप्रदेश सिविल एविएशन पॉलिसी-2025 का अनुमोदन दिया गया हैं। विमानन नीति के माध्यम से भविष्य में 3 एमआरओ हब विकसित करने का प्रयास किया जायेगा।
  • 75 कि.मी. के दायरे में एक हवाई पट्टी और 150 कि.मी के दायरे में एक हवाई अड्डा विकसित किया जाएगा एवं प्रत्येक तहसील स्तर पर 45 कि.मी. के दायरे में कम से कम एक पक्का हेलीपेड विकसित किया जायेगा।
  • राज्य की पर्यटन/धार्मिक महत्व के स्थलों को वर्ष 2030 तक मजबूत एवं किफायती दामों में हवाई सम्पर्क से जोड़ा जायेगा।
  • विभिन्न सहायक विमानन सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए निवेश पर पूंजीगत सब्सिडी का प्रावधान किया जायेगा। प्रदेश में एयर क्रॉफ्ट की रात्रिकालीन पार्किंग करने वाले एयर क्रॉफ्ट पर एटीएफ पर वेट 1 प्रतिशत की दर से प्रभावी किया जायेगा।
इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2025 की स्वीकृति
  • मंत्रि-परिषद द्वारा इलेक्ट्रिक वाहन को आमजन के लिए भविष्य का मुख्य परिवहन का साधन बनाने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2025 की स्वीकृति दी गई है।
  • नीति अंतर्गत 2 पहिया वाहन, 3 पहिया वाहन, इलेक्ट्रिक कार और इलेक्ट्रिक बसों इत्यादि के लिए प्रोत्साहन दिया जायेगा। साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदाय किया जायेगा। मध्यप्रदेश ईवी प्रमोशन बोर्ड का गठन किया जायेगा।
  • नीति का लक्ष्य भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन शहरों को मॉडल इलेक्ट्रिक व्हीकल शहर बनाना, इलेक्ट्रिक वाहन को बढावा दिए जाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन रोड मेप तैयार करना, इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकरण के लिए लक्ष्य का निर्धारण करना और पॉलिसी अवधि के अंत तक 80 प्रतिशत सरकारी वाहनों को इलेक्ट्रिक करना है।
  •  अतिरिक्त प्रोत्साहन के रूप में सभी पंजीकृत ईवी को भारत सरकार के दिशा-निर्देश अनुसार ग्रीन नंबर प्लेट जारी की जाएगी। व्यक्तिगत उपयोग वाले ईवी को सफेद अक्षरों वाली हरी नंबर प्लेट, व्यावसायिक उपयोग वाले ईवी को पीले अक्षरों वाली हरी नंबर प्लेट जारी की जाएगी।
बॉयो फ्यूल योजना-2025 का अनुमोदन
  • मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश नवकरणीय ऊर्जा नीति-2025 अंतर्गत प्रदेश को जैव ईंधन उत्पादन में अग्रणी बनाने के लिए बॉयो फ्यूल योजना-2025 का अनुमोदन किया गया।
  • बॉयो फ्यूल उत्पादन सफल स्थापना के लिए भूमि प्राथमिकता पर दी जाएगी। बॉयो मास उत्पादन के लिए सरकारी भूमि के उपयोग की अनुमति कलेक्टर दर के 10% की राशि के वार्षिक शुल्क पर दी जाएगी।
  • योजना अंतर्गत मुख्य प्रोत्साहन के रूप में बॉयो फ्यूल यूनिट को 1200 करोड़ रूपये तक का बुनियादी निवेश प्रोत्साहन के साथ बिजली, पानी, गैस पाइपलाइन, सड़क, जल निकासी, अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली (ईटीपी, एसटीपी, प्रदूषण नियंत्रण उपकरण) इत्यादि के विकास के लिए लिए 50 प्रतिशत प्रोत्साहन अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक सहायता दी जायेगी।
  • विद्युत शुल्क एवं ऊर्जा विकास उपकर में दस साल तक छूट दी जायेगी। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा ₹500 करोड़ रूपये से अधिक के निवेश पर अनुकूलित पैकेज दिया जायेगा। साथ ही आईपीआर एवं क्वालिटी कंट्रोल सहायता का प्रोत्साहन भी दिया जायेगा।
लेक व्यू होटल लीज पर दिए जाने का अनुमोदन
  • मंत्रि-परिषद ने लेक व्यू रेसीडेंसी होटल, भोपाल को विकास, संचालन एवं रखरखाव और प्रबंधन के लिए पब्लिक-प्रायवेट पार्टनरशिप में 60 वर्षों की लीज पर दिए जाने का अनुमोदन प्रदान किया है। लीज अवधि को आपसी सहमती से समान शर्तों पर आगामी 10 वर्षों हेतु एक बार बढ़ाया जा सकेगा।
  • निर्णय अनुसार होटल लेक व्यू रेसीडेंसी भोपाल की मध्यप्रदेश होटल कार्पोरेशन लिमिटेड के पक्ष में कलेक्टर भोपाल द्वारा निष्पादित श्यामला हिल्स स्थित खसरा क्रमांक 21/3 में से 7.16 एकड़ की लीज अवधि में वर्ष 2042 से 60 वर्ष अर्थात वर्ष 2102 तक एकमुश्त वृद्धि किए जाने एवं उक्त लीज को निजी निवेशक के पक्ष में एमपीएसटीडीसी/एमपीएचसीएल द्वारा सबलीज (उपपट्टा) दिए जाने का अनुमोदन प्रदान किया गया है।

कैबिनेट बैठक से पहले लिए गए ये भी फैसले

  • मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व व्यापक स्तर पर मनाया जाएगा। इस अवसर पर विभिन्न मंदिरों की साज-सज्जा सहित विविध आयोजन होंगे।
  • 30 मार्च को गुड़ी पड़वा पर्व पर भी बड़े स्तर पर कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाई जा रही है। महाशिवरात्रि से विक्रमोत्सव प्रारंभ होगा।
  • इस वर्ष भी जल गंगा अभियान संचालित किया जाएगा। इस वर्ष जल गंगा अभियान और वॉटर शेड कार्यक्रम के साथ दीर्घ अवधि तक चलेगा।
  • 17 फरवरी को चंबल नदी के निकट घड़ियाल अभ्यारण्य का उन्होंने अवलोकन किया। इस अवसर पर 10 घड़ियाल चंबल नदी में छोड़े गए।
  • प्रदेश में किसान कल्याण के क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। चाहे किसानों को धान और अन्य फसलों के समर्थन मूल्य में वृद्धि का विषय हो या प्रति हेक्टेयर फसलों के लिए प्रोत्साहन राशि देने का विषय हो, इस संबंध में निकट भविष्य में महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।
  • केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजनाओं की स्वीकृति के बाद मध्यप्रदेश तीसरी बड़ी नदी जोड़ो परियोजना से लाभान्वित होगा। यह परियोजना ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना होगी, जिससे महाराष्ट्र राज्य भी लाभान्वित होगा।
  • ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना एक अनूठी परियोजना होगी जो पृथ्वी के गर्भ में जल भंडारण का कार्य भी करेगी। इस परियोजना से जल स्तर ऊपर आएगा। मध्यप्रदेश के खण्डवा और बुरहानपुर जिलों के सवा लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का विस्तार होगा। परियोजना के संबंध में शीघ्र ही महाराष्ट्र के साथ करारनामा किया जाएगा।
  • मध्यप्रदेश नई औद्योगिक नीतियां लागू कर निवेशकों को आमंत्रत कर रहा है। राज्य सरकार ने अनेक उद्योग नीतियों की स्वीकृति प्रदान की है। निवेशकों को नई नीतियां मध्यप्रदेश में निवेश के लिए आकर्षित करेंगी।

 


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