भोपाल/रीवा, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj) प्रदेश वासियों को बड़ी सौगात देंगे। दरअसल स्वामित्व योजना (ownership plan) के तहत 27 जिले के 3 लाख 70 हजार लोगों को उनके अधिकार अभिलेखों (rights records) का वितरण किया जाएगा। स्वामित्व योजना के तहत देश के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को केंद्र सरकार द्वारा उनकी जमीनों और मकानों का मालिकाना हक देने के लिए संपत्ति कार्ड प्रदान किए जाते हैं। इसके लिए हितग्राहियों को अधिकार अभिलेख प्रदान किया जाता है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को स्वामित्व योजना में 27 जिलों के 3 लाख 70 हजार लोगों को अधिकार अभिलेखों का वितरण करेंगे। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि बुधवार को रीवा में राज्य स्तरीय कार्यक्रम में 27 जिलों के लोगों को उनकी भूमि के अधिकार-पत्रों के भौतिक वितरण का कार्यक्रम होगा।
MP News : मंत्री जी ने इस महिला को बना दिया MP का मुख्यमंत्री, Twitter पर मचा बवाल
राजस्व मंत्री राजपूत ने बताया कि अभी तक प्रदेश में कुल 2 लाख 71 हजार हितग्राहियों को अधिकार अभिलेखों का वितरण किया गया है। जन-कल्याण और सुराज के 20 वर्ष पूर्ण होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 6 अक्टूबर 2021 को हरदा जिले में इस योजना में 19 जिलों के 3 हजार गाँव में 01 लाख 71 हजार हितग्राहियों को अधिकार अभिलेख का भौतिक रूप से वितरण किया गया था।
राजस्व मंत्री ने बताया कि स्वामित्व योजना में सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से ग्रामों में बसाहट क्षेत्र का ड्रोन के माध्यम से नक्शे तथा इस आधार पर डोर-टू-डोर सर्वे के द्वारा अधिकार अभिलेखों का निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 52 जिलों में सर्वेक्षण की प्रक्रिया प्रारंभ है।
प्रथम चरण में वर्ष 2020 में 10 जिलों के 10 हजार गाँव का चयन किया गया था। द्वितीय एवं तृतीय चरण में कुल 30 जिलों के लगभग 30 हजार ग्रामों में काम प्रारंभ किया गया था। इसके बाद चतुर्थ चरण में 12 जिलें में सर्वेक्षण की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। वर्तमान में 39 ड्रोन सर्वे कार्य कर रहे हैं, जिसमें से 27 जिलों में ड्रोन का कार्य पूर्ण हो चुका है।
राजस्व मंत्री ने बताया कि सर्वे नियमों को और अधिक सरल बनाते हुए इलेक्ट्रानिक दस्तावेजों का विधिक दस्तावेज मान्य किया गया है। सर्वे कार्य को समय-सीमा में पूर्ण करना, अधिकार अभिलेखों को पारदर्शी बनाने, प्रक्रिया को एप और वेब के माध्यम से क्रियान्वित करने से पटवारी भूखंड के साथ मौके पर भूखंड धारक का नाम जोड़ सकता है। इस प्रक्रिया को अपनाने के उद्देश्य से अन्य प्रदेशों के दलों ने प्रदेश का भ्रमण किया है। हरदा जिले ने 10 माह में सर्वे कार्य को पूर्ण करने का लक्ष्य हासिल किया है।