भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश में सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों की कोरोना के बाद अनुकंपा नियुक्ति के मामलों में सरकार के चार नियम बड़ी बाधा बन सकते हैं। कर्मचारी आयोग के सदस्य रहे वीरेंद्र खोंगल ने इन अनुकंपा नियुक्ति नियमो का अध्ययन करने के बाद यह खुलासा किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना से सरकारी-अधिकारी कर्मचारियों की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति तत्काल देने की बात कही है।
इसके लिए सरकार ने नियमों की रूपरेखा भी तैयार कर ली है। लेकिन कर्मचारी आयोग के पूर्व सदस्य हेतु वीरेंद्र खोंगल का कहना है कि इन नियमों में चार बड़ी कमियां है। यदि इन कमियों को दूर नहीं किया गया 20 फ़ीसदी लोगों को भी अनुकंपा नियुक्ति का लाभ नहीं मिल पाएगा। वीरेंद्र खोंगल के अनुसार मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुकंपा नियुक्ति योजना में कहा गया है कि संबंधित कर्मचारी की मौत कोरोना संक्रमण से हुई होगी। इस बात के दस्तावेज होने चाहिए। इसके साथ ही संबंधित की मृत्यु इलाज के दौरान हुई हो। इस बात की भी पुष्टि होनी चाहिए।
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संबंधित कर्मचारी- अधिकारी की रिपोर्ट पॉजिटिव होनी चाहिए। साथ ही योजना में यह भी शर्त है कि आरक्षण नियमों का पालन किया जाएगा। वीरेंद्र खोंगल के अनुसार इस पूरे मामले में सबसे बड़ी दिक्कत की बात यह है कि बहुत से कर्मचारियों की मौत कोरोना संक्रमण से होने के बावजूद उनके पास ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है। जिससे इस बात की पुष्टि हो सके कि उनकी मृत्यु कोरोना संक्रमण से हुई। इसके साथ ही कई कर्मचारी-अधिकारियों की मृत्यु इलाज के दौरान ना होकर घर आने के बाद में हुई है। ऐसे लोग योजना का लाभ कैसे उठा पाएंगे, यह सबसे बङा सवाल है।
साथ ही इस योजना में कहा गया है कि कि उन कर्मचारी- अधिकारी के परिजनों को इस योजना में शामिल नहीं किया जाएगा। जिसके परिवार के सदस्य निगम, मंडल या बोर्ड में ड्यूटी कर रहे हैं। योजना की तिथि 1 मार्च 2021 से लेकर 30 जून 2021 तक प्रभावी होने को भी लेकर खोन्गल ने आपत्ति जतायी है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इन सारे नियमों को सुधार कर योजना का संशोधित रूप लागू किया जाए।