भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। न्यायालय द्वारा फर्जी आदेश को पदोन्नति के दस्तावेज के इस्तेमाल मामले में अब एमजी पुलिस ने IAS अधिकारी संतोष कुमार वर्मा को गिरफ्तार (arrest) कर लिया है। दरअसल Promotion से IAS बने संतोष वर्मा (santosh verma) की मुश्किलें बढ़ गई है। उन पर आरोप है कि उन्होंने न्यायालय के फर्जी आदेश को लगाकर पदोन्नति हासिल की है। पुलिस ने इस मामले रिकॉर्ड जब्त किए थे। नगरीय प्रशासन विभाग में अपर आयुक्त IAS संतोष वर्मा रात 12 बजे Indore से गिरफ्तार किये गए हैं।
बता दें कि बीते दिनों राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस में पदोन्नति के लिए न्यायालय का फर्जी आदेश लगाने का आरोप एक IAS अधिकारी पर लगा था। राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नति हो रही थी। तब संतोष वर्मा नाम के IAS अधिकारी से उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक प्रकरणों की जानकारी मांगी गई थी। संतोष वर्मा के खिलाफ हर्षिता अग्रवाल नाम की महिला ने इंदौर के थाने में आपराधिक प्रकरण दर्ज कराए थे लेकिन DPC हुई तब संतोष वर्मा ने न्यायालय के फैसले की एक प्रति प्रस्तुत की। जिसमें बताया गया कि हर्षिता अग्रवाल के साथ उनका विवाद निपट गया है और वह बरी किए जा चुके हैं।
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मामला तब पकड़ में आया जब आईजी इंदौर हरिनारायण मिश्रा ने डीपीओ से अपील के संबंध में मत मांगा। इंदौर ने इस मामले में जांच के आदेश दिए । थे तब वल्लभ भवन से एमजी रोड इंदौर की थाना पुलिस ने फर्जी हस्ताक्षर वाले फर्जी फैसला जब्त किए थे। जिसके बाद 27 जून को न्यायाधीश रावत की शिकायत पर धोखाधड़ी और कूट रचना का प्रकरण IAS वर्मा के खिलाफ दर्ज कर लिया गया था। इस मामले में कोर्ट में कार्य 5 कर्मचारियों के साथ डीपीओ के बयान भी दर्ज किए गए थे। साथ ही IAS संतोष वर्मा को नोटिस जारी किया गया था। आज इस मामले में उनकी गिरफ्तारी की गई है। प्रदेश मे संभवत यह पहला ऐसा मामला है जिसमें कोई अधिकारी फर्जी न्यायालय आदेश लगाकर आईएएस की पदोन्नति पा गया हो। अभी संतोष कुमार वर्मा नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग में अपर आयुक्त हैं।