Tue, Dec 30, 2025

MP News: मप्र में शुरू हुई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, बोले शिवराज- अग्रणी राज्य में शामिल होगा प्रदेश

Written by:Kashish Trivedi
Published:
MP News: मप्र में शुरू हुई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, बोले शिवराज- अग्रणी राज्य में शामिल होगा प्रदेश

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में शिक्षा की गुणवत्ता (quality of education) को सुधारने के लिए केंद्र (central) द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National education policy) का शुभारंभ किया जा रहा है। इस मौके पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल (governer mangubhai patel) और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan)  ने मिंटो हॉल में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान जहां राज्यपाल मंगू भाई पटेल और CM Shivraj ने सफलता के सोपान पत्रिका का विमोचन किया। वहीं इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों के जीवन पर खासा प्रभाव पड़ेगा और वह उच्च शिक्षा में कुशलता प्राप्त करेंगे।

CM Shivraj ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को हम आज से मध्यप्रदेश में शुरू कर रहे हैं। मैं प्रधानमंत्री मोदी
जी को धन्यवाद देता हूं कि विद्यार्थिकों के जीवन को बदलने वाली नई शिक्षा नीति उनके नेतृत्व में बनी। स्वामी विवेकानंद जी ने एक पंक्ति में शिक्षा का उद्देश्य बता दिया। शिक्षा वह है जो मनुष्य को मनुष्य बना दे। इसमें सारी चीजें अंतर्निहित हैं। इसके और विस्तार में जायें तो शिक्षा ऐसी हो जो ज्ञान दे, कौशल दे और नागरिकता के संस्कार भी दे।

Read More: कांग्रेस विधायक का Video Viral – तहसीलदार को कहा 500 में बिकने वाला भ्रष्टाचारी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नई शिक्षा नीति इस बात की अनुमति देती है कि छात्र फिजिक्स, केमेस्ट्री पढ़ते हुए भी हिंदी का विद्यवान बन सके, संस्कृत का ज्ञान प्राप्त कर सके, इतिहास का अध्ययन कर सके। शिक्षा एकांगी नही होती। ज्ञान का मतलब है संपूर्ण ज्ञान। उन सभी विषयों का ज्ञान जो विद्यार्थी चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि हम इन्क्यूवेशन सेंटर, ग्लोबल स्किल पार्क बना रहे हैं, ITI को अपग्रेड कर रहे हैं। हम हाथों को ही इतना कुशल बना देंगे कि रोजगार के अवसर जरूर प्राप्त होंगे। नागरिकता के संस्कार होना बहुत जरूरी है। विद्यार्थियों को दिशा दे दी तो वह महान विद्यवान बनेंगे, देश और प्रदेश के लिए उपयोग होंगे, दुनिया की समृद्धि और विकास में योगदान दे दें। अगर दिशा गलत पकड़ ली तो समाज के लिए विनाशकारी होंगे।

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अपने संसाधनों को, ज्ञान को शेयर करने की जरूरत है। मैं विश्वविद्यालयों से आग्रह करूंगा कि उद्योगों के साथ मिलकर काम करें। उद्योगों की आवश्यकता समझते हुए छात्र तैयार करें। हर क्षेत्र से जुड़ें। ताकि शिक्षा को हम और उपयोगी और सार्थक बना सकें। एक नये संकल्प के साथ हम आगे कदम बढ़ रहे हैं। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि शिक्षा के क्षेत्र में हम मध्यप्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों की पात में ले जाएंगे।