Wed, Dec 31, 2025

MP News : पुलिस कर्मियों को लेकर शिवराज सरकार का बड़ा फैसला, बदला भत्ता नियम

Written by:Kashish Trivedi
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MP News : पुलिस कर्मियों को लेकर शिवराज सरकार का बड़ा फैसला, बदला भत्ता नियम

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में शिवराज सरकार (shivraj government) ने पुलिसकर्मी (policeman) को मिलने वाले भत्ते के नियम में बड़ा बदलाव किया है। दरअसल पुलिसकर्मियों के बच्चे को मिलने वाली ट्यूशन फीस (tuition fees) को लेकर बड़ा बदलाव किया गया है। इस मामले में पुलिस मुख्यालय (PHQ) की कल्याण शाखा द्वारा प्रदेश के सभी पुलिस इकाइयों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

दरअसल पुलिसकर्मियों के बच्चों को मिलने वाली शिक्षण शुल्क (tuition fees) जो पहले चालू शिक्षा सत्र के लिए उपलब्ध कराई जाती थी। अब उस राशि को उसी सत्र की फीस में शामिल किया जाएगा। जिस सत्र में बच्चे ने कक्षा या सेमेस्टर (semester) परीक्षा पास की हो।

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जारी निर्देश में कहा गया है कि 31 अक्टूबर से 31 जनवरी तक किसी के लिए भेजे जाने वाले प्रस्ताव में परीक्षा परिणाम पिछले वर्ष के दर्शाए जाते हैं जबकि फीस उसी वर्ष के जून-जुलाई में जमा हो जाती है। ऐसे में नए नियम के तहत पिछले वर्ष के परीक्षा परिणाम के आधार पर पिछले वर्ष की ट्यूशन फीस की मांग की जानी चाहिए। जैसे कि विगत शैक्षणिक सत्र जुलाई 2020 से जून 2021 के परीक्षा परिणाम के आधार पर जुलाई 2021 की वार्षिक पाठ्यक्रम की फीस का प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय को भेजा जाएगा।

वही शैक्षणिक वर्ष के प्रथम और द्वितीय सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम के आने पर जुलाई 2021 के पहले सेमेस्टर की ट्यूशन फीस का प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय भेजा जाएगा। इसके साथ ही सेमेस्टर सिस्टम में एक ही सेमेस्टर की फीस का भुगतान पुलिस मुख्यालय के कल्याण शाखा द्वारा पुलिस कर्मियों को बच्चों को किया जाएगा।

मामले में पुलिस मुख्यालय के कल्याण शाखा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय कटारिया का कहना है कि तकनीकी दिक्कत को दूर करने के लिए व्यवस्था की गई है। इस मामले में प्रस्ताव संबंध के इकाई को भेज दी गई है। अगले वर्ष से मध्यप्रदेश में यह व्यवस्था लागू की जाएगी।

वही उच्च शिक्षा के लिए पुलिसकर्मियों के बच्चों को सरकारी कॉलेज में पाठ्यक्रम के निर्धारित फीस का ही भुगतान किया जाएगा। किसी पुलिसकर्मी के बच्चे निजी विश्वविद्यालय में पढ़ रहे हैं। बावजूद इसके उनके बच्चों को पाठ्यक्रम के सरकारी कॉलेजों के निर्धारित फीस का ही भुगतान किया जाएगा। वही बच्चों को अधिकतम 75 ह्जार रूपये ही दिए जा सकेंगे।