भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में एक बार फिर से वित्तीय हालात पटरी पर वापस आ रहे हैं। इस दौरान शिवराज सरकार (shivraj government) द्वारा केंद्र (central) से मांगी गई 1 फीसद कर्ज सीमा में वृद्धि की जा सकती है। माना जा रहा कि केंद्र सरकार (Modi government) द्वारा कर्ज सीमा (loan limit) में वृद्धि प्रदान की जाती है तो मध्य प्रदेश सरकार की कर्ज सीमा 10 हज़ार करोड़ रुपए और अधिक बढ़ जाएगी। ज्ञात हो कि आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने के लिए शिवराज सरकार लगातार कड़े प्रयत्न कर रही है। वही कोरोना काल की दूसरी लहर के बावजूद शिवराज सरकार ने इस तिमाही में कोई कर्ज नहीं लिया है।
हालांकि Corona era की दूसरी लहर के दौरान सरकार की आय में न केवल कमी आई थी बल्कि उसकी खर्चों में वृद्धि देखी गई थी। साथ ही सरकार द्वारा कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) सहित वेतन वृद्धि (Increment) और आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश (aatmnirbhar madhya pradesh) जैसे अधोसंरचना विकास कार्य के लिए भी वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई थी। जिसके बाद शिवराज सरकार ने केंद्र सरकार से कर्ज सीमा में 1 फीसद की वृद्धि की अनुमति की मांग की थी। केंद्र सरकार से शिवराज सरकार को जल्द कर्ज सीमा में 1% की वृद्धि की अनुमति मिल सकती है। अगर ऐसा होता है तो शिवराज सरकार 10,000 करोड़ रूपए से अधिक का कर्ज और ले पाएगी।