भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। 2019 में परिवहन विभाग (transport Department) का एक निर्णय सरकार के लिए गले की हड्डी बन गया है। इस निर्णय को आधार बनाकर अब प्रदेश के कर्मचारी नेता ने मुख्यमंत्री (CM Shivraj) से मांग की है कि अन्य कर्मचारियों को भी इसी तरह का लाभ दिया जाए। RTO विभाग (RTO Department) में भर्ती नियम में किए गए संशोधन को लेकर अब कर्मचारी नेता ने एक नई मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री से प्रदेश RTO विभाग के एक अधिकारी को दी गई पदोन्नति (Promotion) का आधार बनाकर इसे सभी विभागों में लागू करने की मांग की है। RTO विभाग ग्वालियर में पदस्थ सत्य प्रकाश शर्मा प्रथम श्रेणी स्टेनो है और लंबे समय तक परिवहन आयुक्तो के स्टाफ में कार्यरत रहे हैं।
2019 में उन्हें राजपत्रित अधिकारी का दर्जा तो दिया गया, लेकिन साथ ही भर्ती नियम में संशोधन भी कर दिया गया जिसके चलते सत्य प्रकाश शर्मा आगे कार्यपालिक पदों पर नियुक्ति का दावा ठोक सकते हैं। हालाकि तत्कालीन सामान्य प्रशासन मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने उस समय सत्य प्रकाश शर्मा की भर्ती नियमों में संशोधन की फाइल को यह कहकर लौटा दिया था कि ऐसा करना नियमों के विरुद्ध है और यह ठीक नहीं है।
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इतना ही नहीं, परिवहन विभाग के उप सचिव नियाज अहमद ने भी अपनी टीप में ऐसा करना न्याय संगत नहीं होना बताते हुए लिखा था कि भविष्य में सत्यप्रकाश इसको आधार बनाकर कार्यपालिक पदों पर नियुक्ति का दावा ठोक सकते हैं और इसलिए यह करना उचित नहीं है। बावजूद इसके सत्य प्रकाश राजपत्र दर्जा पाकर भर्ती नियम में संशोधन का भी लाभ ले गए।
इसी मामले को आधार बनाकर अब प्रदेश के कर्मचारी नेता उमाशंकर तिवारी ने मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि वह सत्य प्रकाश शर्मा को आधार बनाकर प्रदेश के अन्य विभागों में भी भर्ती नियमों में संशोधन करें ताकि भविष्य में सभी के लिए कार्यपालिक पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ हो सके। उमाशंकर तिवारी का कहना है कि यदि सभी विभागों में कार्यरत शीघ्र लेखक वर्ग एक को सत्य प्रकाश शर्मा की तरह लाभ दिया जाता है तो सभी कर्मचारियों को न केवल आर्थिक व मानसिक लाभ मिलेगा व उनकी पदोन्नति के नए अवसर भी खुलेंगे।