देवास/बागली, सोमेश उपाध्याय। मध्यप्रदेश की राजनीति (MP Politics) में सन्त का दर्जा हासिल कर चुके प्रदेश भाजपा के पितृ पुरुष व सूबे के मुख्यमंत्री रह चुके स्व.कैलाश जोशी (Late Kailash Joshi ) के गृह जिले में भी अब ग्वालियर (gwalior) का सियासी गणित चलने वाला है। स्व.जोशी के हस्तक्षेप वाले देवास जिले में अब राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) का प्रभाव बढ़ने जा रहा है। दरअसल मामला कुछ यूं है कि वर्तमान में देवास (dewas) जिले की राजनीति में प्रमुख रूप से पैलेस यानी विधायक श्रीमन्त गायत्री राजे पंवार स्थापित नेता है।
पंवार का श्रीमन्त सिंधिया से पारिवारिक सम्बन्ध है तो दूसरी तरफ़ हॉटपिपल्या विधायक मनोज चौधरी (manoj chaudhary) सिंधिया समर्थक विधायक माने जाते है।अब सीएम शिवराज (CM Shivraj) द्वारा प्रभारी मंत्रियों की फेहरिस्त में देवास का प्रभार सिंधिया की भुआ यानी यशोधरा राजे सिंधिया (yashodhara raje scindia) को दिया गया है। वही पिछले दिनों BJP की प्रदेश कार्यसमिति में भी सिंधिया समर्थको को विशेष स्थान दिया गया था। इस लिहाज से अब देवास जिले में भी सिंधिया का प्रभाव बढेगा।
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पूर्व मंत्री जोशी जोशी भी सक्रिय, ऐसे बनेगा संतुलन
जिले के दिग्गज पूर्व मंत्री दीपक जोशी (deepak joshi) देवास व हॉटपिपल्या के साथ आदिवासी बाहुल्य बागली की राजनीति में अपना वर्चस्व रखते है। परन्तु पिछले दिनों प्रदेश कार्यसमिति में बागली विधानसभा व मुख्यरूप से जोशी समर्थकों को स्थान नही मिला था। उसके बाद से ही जोशी की बड़े नेताओं से मुलाक़ात के दौर जारी हो गए थे।
हालांकि बाद में जिला कार्यसमिति में जोशी समर्थको को जरूर स्थान दिया गया है। हॉल ही में जोशी की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) व पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा से भी मुलाक़ात करि थी। बरहाल यह कयास भी लगाए जा रहे है कि खण्डवा उपचुनाव (khandwa by-election) से पूर्व ही जोशी को निगम मण्डल में स्थान देकर राज्य मंत्री का तमगा दिया जा सकता है। जोशी को निगम मण्डल स्थान देने के बाद ही जिले की राजनीति में संतुलन बनेगा।