भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश की राजनीति ( MP Politics) अपनी खामोशी के बाद के तूफान के लिए जानी जाती है। प्रदेश की राजनीति में कमलनाथ (kamalnath) की सरकार गिरने से पूर्व इसी तरह की खामोशी देखी गई थी। अब एक बार फिर से प्रदेश की सियासत में उथल-पुथल दिख रही है। हालांकि दिग्गजों के इस मेल मिलाप को जहां सौजन्य भेंट बताया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ इन नेताओं की मुलाकात पर विपक्ष के कान खड़े हो गए हैं।
दरअसल बीते 3 दिनों से लगातार प्रदेश की सियासी हवा बदली नजर आ रही है। एक तरफ जहां केंद्रीय भाजपा नेता शिव प्रकाश (shiv prakash) द्वारा मध्य प्रदेश के सभी दिग्गजों की बैठक ली गई थी। उसके तुरंत बाद ही गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (nrottam mishra) और कैलाश विजयवर्गीय (kailash vijayvrgiya) की मुलाकात भी चर्चा का विषय बनी थी। बंद कमरे में चली करीब 1 घंटे की इस बैठक को भाजपा संगठनों तथा कार्यकारिणी से जोड़ा गया था।
बावजूद इसके दिग्गजों की मुलाकातों का सिलसिला बढ़ता ही रहा। प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा (VD Sharma) और प्रहलाद पटेल के साथ मुलाकात के बाद कैलाश विजयवर्गीय और प्रहलाद पटेल की मुलाकात, कैलाश पटेल के साथ प्रभात झा की मुलाकात और फिर भूपेंद्र सिंह (bhupendra singh) अरविंद भदौरिया (arvind bhadauriya) की मुलाकात सहित नरोत्तम मिश्रा और भूपेंद्र सिंह की मुलाकात लगातार विपक्ष को सोचने को मजबूर कर रही है।
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बता दें कि बीते दिनों पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से मिलने उनके घर पहुंचे थे। लंबी चर्चा के बाद इन मुलाकातों को सौजन्य भेंट बताया गया था। वहीं इससे पहले मंत्री नरोत्तम मिश्रा की कैलाश विजयवर्गीय और राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश से भी चर्चा हुई थी।
हालांकि प्रभात झा और नरोत्तम मिश्रा की मुलाकात के बारे में पार्टी के बीच बात उठती रही लेकिन फिलहाल इस पर किसी भी नेता ने कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। इसके बाद प्रभात झा और नरोत्तम मिश्रा की नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह से मुलाकात चर्चा का विषय बनी है। दरअसल भूपेंद्र सिंह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने सीएम हाउस पहुंचे थे। जहां से निकलने के थोड़ी ही देर बाद गृहमंत्री मिश्रा और भूपेंद्र सिंह की मुलाकात भी चर्चा का विषय है। इस मामले में दिग्गजों का कहना है कि यह सभी मुलाकात केंद्रीय स्तर पर पार्टी के लिए मांगे जा रहे फीडबैक (feedback) हैं। बता दे शिव प्रकाश द्वारा भोपाल और इंदौर के कई दिग्गजों से चर्चा की गई थी। प्रहलाद पटेल भी भोपाल पहुंचे थे।
दरअसल पश्चिम बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर ममता सरकार द्वारा किए जा रहे अत्याचार को भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा माना जा रहा है। बंगाल की कमान तीन महत्वपूर्ण नेताओं के हाथों सौंपी गई है। जिसमें कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल के अलावा नरोत्तम मिश्रा को राष्ट्रीय नेतृत्व में शामिल किया गया है। बताया जा रहा है कि बंगाल हिंसा पर मध्य प्रदेश के कई नेता और कार्यकर्ता 15 जून के बाद बंगाल कूच कर सकते हैं।
सूत्रों की माने तो बंगाल चुनाव में मध्यप्रदेश के कई दिग्गजों को शामिल किया गया था। वही बंगाल चुनाव की करारी हार और दमोह चुनाव में मिली हार से बीजेपी के अंदर बेचैनी है जबकि आगामी नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी आगे किसी भी तरह के जोखिम लेने को तैयार नहीं है। सियासी स्तर पर लगातार हो रही दिग्गजों की गुफ्तगू पार्टी के भविष्य को लेकर बड़ा निर्णय कर सकती है। फिलहाल एक तरफ जहां नेता इस मुलाकात को सौजन्य भेंट बता रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष अपने स्तर से इन मुलाकातों की टोह में लगा हुआ है।