भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के स्कूल (MP School) में बड़ा फैसला लिया है। दरअसल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right to Education Act) के तहत निजी स्कूल में पढ़ने वाले गरीब छात्रों के लिए शासन की ओर से फीस प्रतिपूर्ति की जाती है। जिसको लेकर अब नियम बदल दिए गए हैं। वहीं अब राज्य शिक्षा केंद्र (state education center) द्वारा नई व्यवस्था लागू की गई है। जिसमें RTE दाखिल करने वाले सभी बच्चों को शपथ पत्र उपलब्ध कराने होंगे। RTE के जरिए दाखिला पाने वाले बच्चे ऑनलाइन कक्षा (Online classes) संचालित करने के लिए शपथ पत्र राज्य शिक्षा केंद्र को सौंपेंगे।
इस मामले में राज्य शिक्षा केंद्र ने स्कूलों को निर्देश पत्र जारी किए हैं। इतना ही नहीं ऑनलाइन कक्षाओं का फोटो भी अपलोड (photo upload) करना पड़ेगा। साथ ही निजी स्कूलों द्वारा ऑनलाइन कक्षा का संचालन नहीं किया जाता है तो कोरोना काल में राज्य शासन की तरफ से ऐसे निजी स्कूलों को फीस प्रतिपूर्ति की पात्रता नहीं दी जाएगी।
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राज्य शिक्षा केंद्र की तरफ से जारी निर्देश में यह भी कहा गया है कि ऑनलाइन कक्षा में बच्चे की वार्षिक उपस्थिति दर्ज करनी आवश्यक होगी। इसके लिए आधार सत्यापन (AAADHAR Verification) के बाद ही प्रक्रिया पूरी की जाएगी। वही ऑनलाइन कक्षा में उन्हीं बच्चों की उपस्थिति रिकॉर्ड की जाएगी। जिन्होंने ऑनलाइन कक्षाओं में पढ़ाई की है। इसके अलावा यदि स्कूलों की तरफ से लापरवाही बरती जाती है तो ऐसे स्कूल RTE अधिनियम के तहत फीस प्रतिपूर्ति की पात्रता खो बैठेंगे।
इसके अलावा निजी स्कूलों को तय की गई वार्षिक शुल्क और स्कूल के फीस स्ट्रक्चर भी साइट पर उपलब्ध कराने होंगे। निजी स्कूलों को नर्सरी से लेकर सभी कक्षाओं की फीस का ब्यौरा और इसकी 1-1 पीडीएफ फाइल बनाकर शिक्षा पोर्टल पर उपलब्ध करवानी होगी।
वहीं निजी स्कूलों के खिलाफ अभिभावकों की शिकायत स्कूलों पर बड़ी कार्रवाई की वजह बन सकती है। दरअसल यदि अभिभावकों की तरफ से बच्चों की कक्षाओं और ऑनलाइन क्लास के संचालन को लेकर किसी भी तरह की शिकायत राज्य शिक्षा केंद्र तक पहुंचती है तो इस मामले में स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।