भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना (corona) के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए विभिन्न पाबंदियां लगाई जा रही हैं। लेकिन मध्य प्रदेश MP School का स्कूली शिक्षा विभाग (School Education department) बच्चों की सुरक्षा को लेकर गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाए हुए हैं। सीएम (CM Shivraj) के आदेश के बावजूद निजी स्कूल बच्चों को परीक्षाओं के लिए हर हाल में स्कूल पहुंचने को कह रहे हैं।
कोरोना की समीक्षा बैठक के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj singh chouhan) ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि स्कूलों में 100 के बजाय 50 फ़ीसदी बच्चों को ही स्कूल बुलाया जाए और वह भी तब जब उनके माता-पिता राजी हो। इसके साथ ही कोविड प्रोटोकोल का पालन करने के भी निर्देश स्कूलों को दिए गए थे। लेकिन भोपाल में कुछ निजी स्कूल इसका पालन नहीं कर रहे हैं और वे बच्चों को हर हाल में स्कूल बुला रहे हैं।
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बीएचईएल के कार्मेल कान्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्राचार्य डॉक्टर कृपा मारिया के हस्ताक्षर से जारी सर्कुलर में कक्षा छह से आठवीं के छात्र- छात्राओं को परीक्षाओं के लिए हर हाल में स्कूल पहुंचाना जरूरी है। परीक्षाएं 6 दिसंबर से शुरू होगी और 16 दिसंबर तक चलेगी। पालकों के लिए दिए गए निर्देशों में साफ लिखा है कि एग्जाम का तरीका ऑफलाइन होगा। केवल कंप्यूटर एग्जाम ऑनलाइन होंगे।
परीक्षा के लिए विद्यार्थियों को सुबह 8.30 बजे स्कूल पहुंचना होगा और दो घंटे तक परीक्षा होगी। आदेश में यह भी लिखा है कि परीक्षा के बाद लंच ब्रेक होगा और फिर रेगुलर क्लास लगेगी जिसमें कम से कम तीन पीरियड होंगे। अब सवाल यह है कि जब खुद मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि बच्चों की उपस्थिति पालकों की मर्जी पर है तो फिर इसका पालन क्यों नहीं हो रहा। कोरोना के इस दौर में अगर सबसे ज्यादा असुरक्षित कोई है तो वह 18 साल तक के बच्चे हैं क्योंकि उनको वैक्सीन का एक भी डोज नहीं लगा। ऐसे में उनकी जान के साथ खिलवाड़ कोई कैसे कर सकता है और कैसे प्रदेश के मुखिया के निर्देश को ताक पर रख सकता है।