भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में एक बार फिर से MP School 5वी-8वीं की बोर्ड परीक्षा (MP Board exam) का आयोजन किया जाएगा। दरअसल कोरोना संक्रमण (corona pandemic) के कारण इस वर्ष परीक्षा की तारीख को आगे बढ़ाया जा सकता है। आ रही जानकारी के मुताबिक Corona की तीसरी लहर के कारण परीक्षा वार्षिक कैलेंडर से आगे बढ़ाई जाएगी। वही माना जा रहा है कि 5वी-8वीं की बोर्ड परीक्षा मार्च में होने की बजाए अब अप्रैल में कराई जा सकती है।
सूत्रों की माने तो स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा परीक्षा को आगे बढ़ाने की तैयारी का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। हालांकि अभी तक इस मामले में शासन की तरफ से कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया गया। वहीं शासन कोरोना के परीक्षण और बढ़ते मामले पर नजर बनाए हुए हैं। मगर Corona के मामले बढ़ते हैं परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाता तो बच्चों के घर भेज कर वर्षिक परीक्षा ली जाएगी।
फिलहाल मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले में रफ्तार धीमी देखी जा रही है। जिसके हिसाब से अंदाजा लगाया जा रहा है कि MP Board पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षा का आयोजन अप्रैल महीने में कराने की संभावना है। हालांकि स्थानीय स्तर पर विभाग द्वारा इस संबंध में आदेश जारी नहीं किए गए हैं।
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इससे पहले कोरोना के कारण सरकार द्वारा ऑफलाइन कक्षाएं (Offine Classes) बंद कर दी गई है। ऑनलाइन कक्षा का आयोजन किया जा रहा है। स्कूल खोलने पर न्यायाधीश फरवरी में जारी किया जाएगा। वही माना जा रहा है कि 10वीं 12वीं बोर्ड परीक्षा को देखते हुए फरवरी में स्कूल खोले जा सकते हैं। दरअसल फरवरी में प्रैक्टिकल परीक्षा (practical exam) का आयोजन होना है। ऐसे में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश भर में शासकीय और अशासकीय स्कूलों में फरवरी महीने से कक्षाएं संचालित की जा सकती है।
बता दें कि साल 2019 में पांचवी और आठवीं के बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए कोरोना की दूसरे लहर की वजह से बोर्ड परीक्षा का आयोजन नहीं किया गया था। परीक्षा का आयोजन होने की वजह से उन्हें जनरल प्रमोशन दे दिया गया था। साथ ही ऐसे छात्रों को प्रमोट कर दिया गया था। हालांकि इस साल किसी भी छात्रों को जनरल प्रमोशन नहीं दिया जाएगा और पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षा का आयोजन किया जाना है। दरअसल इस मामले में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने भी अपनी बात स्पष्ट कर दी है। जिसके बाद छात्रों को आगे प्रमोट नहीं किया जाएगा। साथ ही फेल होने वाले छात्रों को परीक्षा देनी होगी। 13 साल के बाद एक बार फिर से मध्यप्रदेश में पांचवी और आठवीं बोर्ड परीक्षा का आयोजन किया जाना है।