भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (inder singh parmar) द्वारा ऑनलाइन कक्षाएं (online classes) जारी रखने के निर्देश के बावजूद, भोपाल के कई स्कूलों ने उन्हें बंद करने का फैसला किया है। माता-पिता ने दोहराया कि वे अपने बच्चों को तब तक MP School नहीं भेजेंगे जब तक कि टीका उपलब्ध नहीं हो जाता।
MP School शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने शुक्रवार को स्पष्ट किया था कि छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं उपलब्ध होंगी। मंत्री परमार ने कहा है कि 19 नवंबर को कहा था कि स्कूलों को पूरी क्षमता के साथ ऑफलाइन चलाने की अनुमति दी गई है। परमार ने कहा अगले सप्ताह से स्कूल पूरी क्षमता के साथ ऑफलाइन कक्षाएं चला सकते हैं लेकिन ऑनलाइन कक्षाओं का विकल्प जारी रहेगा।बावजूद इसके विभाग के आदेशों का उल्लंघन करते हुए स्कूलों से ोऑनलाइन क्लास से साइन आउट कर दिया है जिसपर अब अभिभावक आक्रोशित हो गए हैं
परमार ने कहा कि कई अभिभावकों ने चिंता जताई है कि वे अपने बच्चों को ऑफ़लाइन कक्षाओं के लिए स्कूलों में भेजने में असमर्थ थे। ऐसे में, यह निर्णय लिया गया है कि ऑफ़लाइन कक्षाओं के साथ ऑनलाइन कक्षाओं को चलाने की अनुमति दी जाएगी। स्कूलों को निर्देशों का पालन करना होगा। जैसा कि ऑनलाइन कक्षाएं उपलब्ध होंगी, यह स्पष्ट है कि जो छात्र घर से अध्ययन करने के इच्छुक हैं, वे अपनी शैक्षणिक कक्षाओं में ऑनलाइन भाग ले सकते हैं। हालांकि, भोपाल के कुछ स्कूलों ने शनिवार को एक सर्कुलर जारी कर कहा कि स्कूल सोमवार से ऑनलाइन कक्षाएं समाप्त करेंगे।
माता-पिता ने कहा कि ऐसा निर्णय स्वीकार्य नहीं है और सरकार के निर्देशों का उल्लंघन है। MP School इस तरह का निर्णय कैसे ले सकते हैं? राज्य में कोरोना के मामले धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं और अभी तक बच्चों के लिए टीकाकरण के कोई संकेत नहीं हैं। ऐसे में, हमारे लिए अपने बच्चों को वापस स्कूल भेजने का यह सही समय नहीं है।
अभिभावकों ने कहा कि स्कूलों को यह समझना चाहिए कि अपने बच्चों को स्कूल भेजने का यह सही समय नहीं है। एक अन्य अभिभावक ने कहा किसी भी राज्य ने छात्रों को ऑफलाइन कक्षाओं में जाने के लिए मजबूर नहीं किया है। मुझे लगता है कि राज्य सरकार को यह समझना चाहिए कि बच्चों को स्कूल भेजने से वे संक्रमित हो सकते हैं।
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प्राथमिक कक्षाओं के अभिभावक ज्यादा परेशान हैं। कक्षा 2 के छात्र के माता-पिता विशाल अग्निहोत्री ने कहा स्कूल माता-पिता को अपने बच्चों को भेजने के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं। यहां तक कि माता-पिता की सहमति वाले स्कूलों ने भी स्पष्ट कर दिया है कि बच्चे को किसी भी संक्रमण के मामले में वे जिम्मेदार नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि स्कूल बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते।
वही मामला बिगड़ते देख स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को निर्देश जारी किए हैं। दरअसल विभाग का कहना है कि किसी भी सूरत में अगर कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन किया जाता है तो स्कूल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि मध्य प्रदेश में एक बार फिर से कोरोना केसों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसके साथ ही साथ देश के कई राज्यों के स्कूलों में पॉजिटिव शिक्षक और बच्चों की पुष्टि होने के बाद राज्य सरकार सचेत हो गई है।
वहीं स्कूल शिक्षा विभाग का कहना है कि जो अभिभावक बच्चों को अभी ऑफलाइन क्लासेज के लिए नहीं भेज रहा हूं उनके लिए ऑनलाइन क्लासेस की सुविधा आयोजित की जाएगी जब तक 100% क्षमता के साथ बच्चे स्कूल में नहीं पहुंचेंगे तब तक ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी।