भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश से नगरीय निकाय चुनाव (MP Urban body election) को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है। जल्द पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election) नगर निकाय चुनाव के लिए सूचना (notice) जारी की जाएगी। वहीं नगर निकाय- पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग प्रमुख सचिव द्वारा मत पत्र के लिए जरूरी कागजात उपलब्ध कराने की मांग कर दी गई है। वहीं आरक्षण (reservation) को लेकर निर्देश कलेक्टर को दिए जा चुके हैं। इसी बीच नगर निकाय के आम चुनाव को लेकर वार्ड का आरक्षण के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं।
आदेश में कहा गया कि 21 मई को जिला कलेक्टर के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक आयोजित की गई थी राज्य निर्वाचन द्वारा आयोजित इस बैठक में जिला कलेक्टर द्वारा विभिन्न मुद्दों पर सवाल उठाए गए हैं। जिसको लेकर नवीन आदेश जारी किए गए हैं। नवीन आदेश के मुताबिक अधिनियम के प्रावधान के अनुसार अन्य पिछड़े वर्ग के लिए प्रावधान 25% स्थानों के आरक्षण के स्थान पर ओबीसी के लिए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा अनुसार आरक्षण किया जाना है।
इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार संशोधित आदेश प्रस्तावित किए गए हैं। जिसके मुताबिक जिन निकाय में ओबीसी कल्याण आयोग की अनुशंसा अनुसार ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित वार्ड की संख्या में कोई परिवर्तन नहीं होना है। उन निकाय के लिए पूर्व में की गई कार्रवाई ही मान्य की जाएगी।
ऐसे स्पष्ट है कि ऐसे निकाय के संबंध में पुनः आरक्षण की कार्रवाई वर्तमान निर्देश के तहत करने की आवश्यकता नहीं होगी और वही इन निकाय के वार्ड में आरक्षण के संबंध में पूर्व में ही प्रसारित अधिसूचना को मान्य किया जाएगा। इसके लिए अधिसूचना जारी करने की आवश्यकता नहीं होगी। वही आदेश में कहा गया है किस की जानकारी 25 मई तक आवश्यक रूप से आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्यप्रदेश को स्पष्ट विवरण सहित पहुंचाई जाए।
साथ ही निर्वाचन परिपत्र क्रमांक 2 के पैरा 5 को संशोधित करते हुए निर्देश जारी किए गए हैं कि जिन निकाय में ओबीसी के लिए वर्तमान में आरक्षित वार्ड की संख्या में राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की अनुशंसा अनुसार वृद्धि या कमी की गई है। उन निकाय में अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षित वर्ग को पूर्वव्रत रखते हुए ओबीसी के लिए निर्धारित संख्या में आरक्षण नए सिरे से मध्य प्रदेश नगर पालिका (अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति ओबीसी एवं महिलाओं के लिए) आरक्षण नियम 1994 के प्रावधानों के तहत किया जाएगा। जिससे स्पष्ट है कि ऐसी स्थिति में ओबीसी के लिए व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए नए सिरे से आरक्षण होने से ओबीसी (महिला) और अनारक्षित (महिला) का आरक्षण भी 1994 के नए सिरे के तहत किया जाना तय किया गया है।
इसके अलावा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कुछ जिला कलेक्टर द्वारा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अनुसूची में आंकड़े और गणना में त्रुटि होने का भी विषय उठाया गया है। जिसमें स्पष्ट करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने आदेश जारी किया है कि वार्ड की वास्तविक अधिसूचित संख्या ही मान्य की जाए।
इसके अलावा वर्तमान निर्देशों के तहत स्पष्ट किया गया कि अनुसूचित जाति और जनजाति के वार्ड की आरक्षण की स्थिति पहले के प्रकाशित अधिसूचना अनुसार ही रहेगी। साथ ही अन्य पिछड़े वर्ग के वार्ड के आरक्षण के लिए वार्ड की वास्तविक अधिसूचित संख्या को ही आधार मानकर 20 मई 2022 के पेरा 6 अनुसार ओबीसी कल्याण आयोग की अनुशंसा और मार्गदर्शन सिद्धांतों को ध्यान में रखकर आरक्षण नियम 1994 के अनुसार आरक्षण की कार्रवाई पूरी की जाएगी।
वही चर्चाओं की माने तो नगर निकाय में ओबीसी आरक्षण के साथ एससी एसटी आरक्षण पचास फीसद की सीमा तय करने के निर्देश कलेक्टर को दिए गए हैं। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि 1 जून तक मध्यप्रदेश में आचार संहिता लगा दिया जाएगा।