भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election 2021-22) के भविष्य का फैसला अब सुप्रीम कोर्ट का निर्णय करेगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने भी आगामी निर्वाचन प्रक्रिया प्रारंभ करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया है।राज्य निर्वाचन आयोग ने मंगलवार की शाम प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन प्रक्रिया निरस्त करने के आदेश जारी किए।
राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह के आदेश से जारी आदेश में साफ किया गया कि क्योंकि मध्य प्रदेश की सरकार ने 26 दिसंबर को मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज्य संशोधन अध्यादेश 2021 तुरंत प्रभाव से वापस ले लिया है और इसके चलते अब राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन के लिए किए गए परिसीमन और आरक्षण का स्टेटस गड़बड़ा रहा है, इसीलिए चुनाव निरस्त किए जाते हैं।
इसके साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग (state election commission) ने साफ कहा कि पंचायतों का कार्यकाल मार्च 2020 में समाप्त हो चुका है और इनकी निर्वाचन प्रक्रिया में अत्यधिक विलंब हो चुका है। आयोग के संवैधानिक दायित्वों के निर्वहन हेतु जल्द चुनाव करवाए जाना आवश्यक है और आगामी निर्वाचन प्रक्रिया माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा 17 दिसंबर को दिए गए आदेश के पालन करते हुए यथा शीघ्र प्रारंभ की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर अब 3 जनवरी 2022 को सुनवाई है।
राज्य सरकार भी ओबीसी आरक्षण(OBC Reservation) को निरस्त किए जाने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट से पुनर्विचार करने का आग्रह कर रही है। वहीं केंद्र सरकार भी ओबीसी आरक्षण के मुद्दे चुनाव टालने की बात कह रही है। यानी अब गेंद पूरी तरह से सुप्रीम कोर्ट के पाले में है। सबकी निगाहें 3 जनवरी पर रहेंगी जब सुप्रीम कोर्ट पंचायत चुनाव को लेकर सुनवाई करेगा और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद ही अब पंचायत चुनावों पर छाया कोहरा साफ हो पाएगा।