भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) के लोकशिक्षण संचालनालय भोपाल (DPI) कार्यालय में पदस्थ अफसरों की निर्मम अफसरशाही का शिकार MP के शिक्षक (MP Teachers) हो रहें हैं। ऐसा कहना है। शिक्षक संगठन का आये दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। जहाँ कर्मचारियों (Employees) को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसको लेकर अब शिक्षक संगठन ने पत्र लिखा है। वही मध्यप्रदेश शासकीय अध्यापक संगठन ने लोक शिक्षण संचालनालय की कार्य व्यवस्था पर बड़े आरोप लगाए हैं।
शिक्षक संगठन ने कहा कि 6 महीने से अधिक समय से माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद स्वीकृति की प्रत्याशा में प्रदेश के हजारों शिक्षक सातवें वेतनमान से वंचित तो सैकड़ों को वेतन ही अप्राप्त है। वहीँ आरोप लगाते हुए राकेश दुबे प्रांताध्यक्ष म.प्र. शासकीय अध्यापक संगठन ने बताया कि प्रदेश में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश पर अध्यापक संवर्ग से राज्यशिक्षा सेवा में नियुक्त हुए माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति के 06 माह के बाद भी पद स्वीकृत नही हुए हैं। मध्यप्रदेश के जिला कटनी सहित अनेक जिलों में ऐसी स्थिति निर्मित है।
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अपने पत्र में शिक्षक संगठन ने बताया है कि संबंधित जिलों के अधिकारियों व शासकीय अध्यापक संगठन ने पिछले छः माहों में अनेकों बार न केवल पत्राचार किया बल्कि अनेकों बार भोपाल में समक्ष में उपस्थित हो कर भी पद स्वीकृति हेतु अनुरोध किया, परन्तु आज दिनाँक तक माध्यमिक शिक्षक के पद सृजित/स्वीकृत होकर पोर्टल में दिखाई नहीं दे रहे हैं जिससे उक्त माध्यमिक शिक्षकों के सातवें वेतनमान का निर्धारण नही हो पा रहा है, गृह भाड़ा भत्ता नही मिल रहा, बीमा योजना का लाभ इत्यादि नही मिल रहा है।
शासकीय अध्यापक संगठन का आरोप है कि इस तरह के बेवजह विलम्ब ही कर्मचारियों को आंदोलनात्मक कदम उठाने के लिए उकसाते हैं, और नित नए न्यायालयीन प्रकरण तैयार होते हैं।संगठन का मानना है कि वैसे भी यह प्रकरण न्यायालयीन अवमानना का बन चुका है। दरअसल कर्मचारियों को सेवा का उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। वित्तीय अनियमितता, भ्रष्टाचार सहित अनेक मामलों के अनेक प्रकरण वर्षों से संचालनालय में लटके हुए हैं।
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संगठन के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष उपेंद्र कौशल एवं प्रांतीय सचिव संजीव त्रिपाठी का आरोप है कि लोकशिक्षण संचालनालय भोपाल में मामलों को लंबे समय तक बेवजह लटकाए रखना भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा देता है। प्रदेश के विभिन्न जिलों से भेजे गए वित्तीय अनियमितता, भ्रष्टाचार सहित अनेक मामलों के अनेक प्रकरण भी संचालनालय में वर्षों से लटके हैं और उन पर कोई कार्यवाही न होने से भ्रष्टाचार करने वालों के हौसले बुलंद हैं। वहीँ संगठन का कहना है कि यदि जल्द से जल्द इन मामलों का निराकरण नहीं किया गया तो आंदोलन की नीति तैयार की जाएगी। संगठन इन मुद्दों का तत्काल निराकरण न होने पर लोकशिक्षण संचालनालय भोपाल का घेराव करने की तैयारी कर रहा है।