हैदराबाद, डेस्क रिपोर्ट। राज्य सरकार अपने Pensioners or Retired Employees को बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है दरअसल पुरानी पेंशन योजना की मांग को लेकर अब राज्य सरकार सचेत हो गई है जिसके बाद अंशदाई पेंशन योजना के स्थान पर नई पेंशन योजना के नीचे शुरू करने की तैयारी में राज्य सरकार अपने कर्मचारियों के लिए एक गारंटीड पेंशन योजना शुरू करने जा रही है। इसके लिए योजना पर विचार किया जा रहा है। जिसका लाभ पेंशनर्स को मिलेगा और उनके पेंशन की राशि में भी बढ़ोतरी होगी।
मामले में आंध्र प्रदेश सरकार का कहना है कि पुरानी पेंशन योजना की मांग कर्मचारियों द्वारा की जा रही है। हालांकि Pension scheme उलटने से राज्य शासन के वित्तीय कोष पर भारी वित्तीय बोझ बढ़ेगा। सरकारी गणना के अनुसार यदि सीपीएस के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाता है तो वेतन, पेंशन और अनिवार्य व्यय के कारण राज्य के स्वामित्व वाले संसाधनों के हिस्से के रूप में प्रतिबद्ध व्यय वर्ष 2040 तक 181 प्रतिशत बढ़ जाएगा। इसके स्थान पर गारंटीड पेंशन योजना शुरू करने की तैयारी की जा रही है।
इस पर बोलते हुए विधि मामले और वाणिज्य कर मंत्री बुकना राजेंद्रनाथ ने कहा कि यदि 2004 में बंद हुई पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू किया जाता है तो राज्य के खजाने और आने वाली पीढ़ियों पर इसका भारी वित्तीय बोझ पड़ेगा। जिसके लिए बीच का रास्ता निकाला जा रहा है। कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें फिर से पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए। नई पेंशन योजना के तहत ना कोई गारंटीड पेंशन है और ना ही ये बैंक ब्याज की दरों से जुड़ा है। वहीं कर्मचारियों का कहना है कि बैंक ब्याज दरों में आए दिन गिरावट आ रही है। जिसके पास सीपीएस जो खुद इतनी कम है। उसके और घटने से कर्मचारियों की पेंशन की राशि बिगड़ जाएगी।
जिस पर मंत्री ने बड़ा तर्क दिया। मंत्री का कहना है कि ऐसी स्थिति में बदलाव लाने के लिए और आने वाली पीढ़ी सहित राज्य के हितों की रक्षा के लिए सरकार एक गारंटीड पेंशन योजना लाने का इरादा कर रही है और इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। प्रस्तावित गारंटीड पेंशन योजना में कर्मचारियों को बिना किसी कटौती के अंतिम आहरित मूल वेतन के 33 फीसद की गारंटी पेंशन लगातार मिलती रहेगी।
इस पेंशन योजना के तहत बाजार की गतिशीलता और ब्याज दर में कमी के कारण बदलाव के लिए चिंतित नहीं होना पड़ेगा। इस पेंशन योजना के तहत 33 फीसद की राशि कर्मचारियों को निश्चित रूप से उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ अन्य प्रतिशत बाजार मूल्य और बैंक दरों पर निर्भर करेंगे। मंत्री राजेंद्र नाथ का कहना है कि बाजार की स्थिति का गारंटीड पेंशन योजना के तहत पेंशन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और वर्तमान ब्याज दर के अनुरूप सीपीएस के तहत वर्तमान भेजी जा रही वाली पेंशन से लगभग 70 फीसद अधिक राशि उनके हाथ में पहुंचेगी।
इसके लिए सरकार दो विकल्प पर विचार कर रही है। जानकारी के मुताबिक पहले विकल्प में यदि कोई कर्मचारी अपने वेतन का 10% पीएफ योगदान करता है तो राज्य सरकार इसमें 10 फीसद की राशि और जोड़ेगी और कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के बाद उसके अंतिम आहरित मूल वेतन का 33 फीसद हर महीने गारंटीड रूप से पेंशन राशि के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा।
वहीं दूसरा विकल्प यह है कि यदि कोई कर्मचारी अपने वेतन का 14% योगदान देता है तो सरकार उसमें 14% की राशि और जोड़ेगी फिर कर्मचारी को उसके अंतिम आहरित मूल वेतन का 40 फीसद हिस्सा पेंशन के रूप में भुगतान किया जाएगा।
बता दें कि राजस्थान सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा के बाद ही कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग तेज हो गई है। शासकीय कर्मचारी का कहना है कि पुरानी पेंशन योजना में एक स्थिरता है। जिसको लेकर बुजुर्ग निश्चिंत रहते हैं जबकि नई पेंशन योजना में ऐसी कोई स्थिरता देखने को नहीं मिलती है। लगातार संशय की स्थिति बनी रहती है। जिसके बाद कई राज्यों में पुरानी पेंशन को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। झारखंड सहित पंजाब ने पुरानी पेंशन योजना को लेकर विचार विमर्श करना शुरू किया है। हालांकि अब आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा गारंटीड पेंशन योजना लाने की तैयारी की जा रही है। जिसका लाभ पेंशनर्स को मिलने की उम्मीद है।