जानकारी के मुताबिक ग्रामीणों की शिकायत पर कलेक्टर ने जांच की। इस दौरान पंचायत सचिव द्वारा कार्य में लापरवाही बरते जाने पर यह कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही ₹800000 की लागत से पेयजल योजना जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत की गई है। जिसको लेकर कलेक्टर ने कार्यपालन यंत्री को हैंडपंप लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं एक अन्य कार्रवाई हरदा जिले में की गई है। जहां कृषि ऋषि गर्ग ने शुक्रवार को गांव आदमपुर में निरीक्षण किया। इस दौरान उचित मूल्य की दुकान पर सेल्समैन पर ₹5000 अर्थदंड लगाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही ग्रामीणों की शिकायत पर कलेक्टर द्वारा गांव के पटवारी के 1 वेतन वृद्धि रोकने के संबंध में नोटिस देने के निर्देश दिए गए हैं। ग्रामीणों की मानें तो 8 महीने से उन्हें kerosene नहीं बांटा गया। साथ ही ग्राहकों को पीओएस मशीन से निकलने वाली पर्ची भी नहीं दी जाती है। जिसके बाद दुकान के सेल्समैन पर ₹5000 का दंड लगाया गया है।
एक अन्य कार्यवाही बेतूल जिले में की गई है। कलेक्टर मनवीर सिंह द्वारा गांव का निरीक्षण किया गया। इस दौरान सामाजिक सहायता के पेंशन प्रकरण के निराकरण में लापरवाही पाए जाने पर वहां के पंचायत सचिव को निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही सरकारी अमले की मनमर्जी से काम करने और गिरदावरी के सत्यापन में गेहूं और चना की फसल का गलत इंचार्ज करने पर संबंधित पटवारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
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इतना ही नहीं कलेक्टर मनवीर सिंह बेसिक द्वारा ग्राम खान थाना में प्राथमिक शाला के शिक्षक की उपस्थिति में अनियमितता संबंधी शिकायत मिली। जिसके बाद शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है। आंगनबाड़ी केंद्र में आगामी दिवस की हितग्राही उपस्थिति दर्ज पाए जाने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के 10 दिन के मानदेय काटे जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
इसके साथ एक अन्य कार्रवाई श्योपुर जिले में की गई है। इस दौरान कलेक्टर शिवम वर्मा द्वारा नगरपालिका के कर्मचारियों की बैठक ली गई। ईमानदारी से काम नहीं करने पर शो कॉज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।कलेक्टर वर्मा दोपहर नगरपालिका कार्यालय पहुंचे कर्मचारियों को एक-एक कर कामों का ब्यौरा मांगा गया। वहीं 900 मकानों में से 100 की ही फंडिंग कर सकने के बाद सीएमओ को शो कॉज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।
इधर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवी मलिमथ और जस्टिस पीके कौरव की खंडपीठ ने नगरीय प्रशासन विभाग शहडोल के कमिश्नर को नोटिस जारी कर दिया है। दरअसल नोटिस जारी कर पूछा गया कि दिसंबर 2021 में अब तक नगर परिषद बिजुरी से संबंधित भ्रष्टाचार की शिकायत पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई है।
नगरी प्रशासन विभाग शहडोल के कमीशन को नोटिस जारी करते हुए हाईकोर्ट ने पहुंचा की जिम्मेदार अधिकारी द्वारा कभी भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है। नागरिकों को पीने के लिए काला पानी और गुणवत्ताहीन सड़क मनमाने तरीके से बना कर सरकार के खाते में भुगतान जैसे अनेक कार्यों में अनियमितता पाई गई है लेकिन भ्रष्टाचार को उजागर करने के बाद भी अब तक इस मामले में कार्यवाही नहीं हुई है।
इससे पहले 22 अप्रैल को कोर्ट ने नगरीय प्रशासन आयुक्त शहडोल को निर्देश दिया था कि दिसंबर 2021 से अब तक इस मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करें। वहीं रिपोर्ट के बाद हाईकोर्ट ने पाया कि अब तक कार्रवाई के बारे में कोई जिक्र नहीं किया गया है। वहीं खुद रिपोर्ट प्रस्तुत करने की वजह कनिष्ठ अधिकारी से रिपोर्ट पेश कराई गई है। जिस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने कमिश्नर को शो कॉज नोटिस जारी कर देने के निर्देश दिए हैं।