पेंशनर्स के लिए राहत भरी खबर, मिलेगा पेंशन रिवीजन का लाभ, आदेश जारी, ग्रेच्युटी-फैमिली पेंशन पर नई अपडेट

Kashish Trivedi
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। पेंशनर्स के पेंशन (Pensioners Pension) पर महत्वपूर्ण अपडेट सामने आई है। केंद्र सरकार द्वारा 5वीं सीपीसी (5th CPCs) के लिए 1996 से पहले के पेंशन भोगियों के पेंशन में संशोधन जारी किया गया है। जिससे परिवारिक पेंशन (Family Pension)-अनुकंपा लाभ सहित पेंशन भुगतान को लेकर एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया गया है। जारी कार्यालय विज्ञापन के मुताबिक पेंशन-पारिवारिक पेंशन के संशोधन के संबंध में विभाग द्वारा 10 फरवरी 1998 के और 17 दिसंबर 1998 में निहित प्रावधान छठे केंद्रीय वेतन आयोग के बाद विभाग द्वारा एक सितंबर 2008 के कार्यालय ज्ञापन के 5वे सीपीसी पैरा 4.2 के नियम लागू होंगे।

इसके बाद समय-समय पर हुए संशोधन के साथ ही विभाग के कार्यालय ज्ञापन 12 मई 2017 वेतन के कल्पित निर्धारण के लिए पेंशन के संशोधन के नियम लागू होंगे। साथ ही जारी आदेश में कहा गया है कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति शहीद से पेंशनभोगी जो 1 जनवरी 1996 उससे पूर्व के कर्मचारी रहे हैं। उन्हें पारिवारिक पेंशन भोगियों की पेंशन और पारिवारिक पेंशन के मामले में नीचे के आदेश महत्वपूर्ण होंगे।

पूर्व के नियम में 1996 के पहले के पेंशन भोगियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति बर्खास्तगी या हटाने पर उनके पेंशन और अनुकंपा भक्तों के साथ ही उनकी प्रारंभिक पेंशन कम की गई थी। जिसके बाद उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर बिना किसी कटौती के पेंशन उपलब्ध कराई जाती है। वही अब विभाग ने फैसला लिया है कि उन्हें प्रारंभिक पेंशन की, की गई कटौती को भी बंद कर दिया जाएगा और ऐसे पेंशनर्स को पूर्ण रूप से संशोधित पेंशन का भुगतान किया जाएगा।

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ऐसे में 1996 के पूर्व के पेंशनर्स जो अपने समय में अनिवार्य सेवानिवृत्ति बर्खास्तगी हटाने पर पेंशन अनुकंपा भक्ता प्राप्त कर रहे हैं, उनके राशि में किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की जाएगी और उन्हें पूर्ण पेंशन का भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा भी उन्हें कई अन्य सुविधाएं दी गई है।

दरअसल 1996 से पूर्व के पेंशनर्स के लिए सरकार द्वारा पूर्व में कई अन्य लाभ भी निर्धारित की गई है जो इस प्रकार है।

इससे पहले अपील की गई थी कि 1986 से पहले के सभी सेवानिवृत्त लोगों की पेंशन को उनके वेतन के 1.1.1986 के अनुसार समान रूप से सेवारत कर्मचारियों के लिए समान सूत्र अपनाकर अद्यतन किया जा सकता है। इसके बाद, सभी पिछले पेंशनभोगियों को, जिन्हें उनके वेतन के काल्पनिक निर्धारण द्वारा चौथे सीपीसी वेतनमान पर लाया गया है और जो 1.1.1986 को या उसके बाद सेवानिवृत्त हो गए हैं, उनके साथ 1.1.1996 की स्थिति के अनुसार उनकी पेंशन के समेकन के संबंध में समान व्यवहार किया जा सकता है। वही फिटमेंट वेटेज जो सेवारत कर्मचारियों को अनुमति दी जा सकती है। सेवानिवृत्ति के समय पेंशनभोगी द्वारा धारित पद का समेकित संशोधित वेतन उपलब्ध करवाया जाता है।

वहीँ सरकार द्वारा इस सीमा तक स्वीकार किया जाता है कि 86 पूर्व सेवानिवृत्तों सहित सभी पूर्व 1.1.96 सेवानिवृत्तों की पेंशन 1.1.1996 को सिफारिश के अनुसार समेकित की जाएगी, लेकिन सेवानिवृत्ति के समय पेंशनभोगी द्वारा धारित पद के संबंध में समेकित पेंशन को संशोधित वेतन के न्यूनतम 50% के स्तर पर लाया जाएगा।

वहीँ एक अन्य प्रस्ताव दिया गया था कि 1.1.1986 से पूर्व सेवानिवृत्त होने वाले पेंशनभोगियों की पेंशन का संशोधन लंबित होने पर पेंशन संवितरण प्राधिकारियों को पेंशन समेकित करने के लिए प्राधिकृत कर तत्काल राहत प्रदान की जानी चाहिए, जिसमें मूल पेंशन, जहां स्वीकार्य हो, व्यक्तिगत पेंशन, अंतरिम राहत (I & II) और 20% मूल पेंशन 1.1.1996 की स्थिति के अनुसार महंगाई राहत केवल मूल पेंशन को जोड़कर पेंशन को कंसोलिडेटेड किया जाए। कंसोलिडेटेड पेंशन सेवानिवृत्ति के समय पेंशनभोगी द्वारा धारित पद के पांचवें केंद्रीय वेतन आयोग द्वारा अनुशंसित वेतनमान में न्यूनतम संशोधित वेतन के 50% से कम नहीं होगी।

जबकि सरकार ने इस प्रस्ताव को इस संशोधन के साथ स्वीकार किया है कि 1-1-1996 को पेंशन को समेकित करते समय मूल पेंशन का 40% जोड़ा जाएगा, लेकिन 1-1-96 को समेकित पेंशन को सेवानिवृत्ति के समय पेंशनभोगी द्वारा धारित पद को संशोधित वेतन के न्यूनतम 50% तक बढ़ाया जाएगा।


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