नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। राज्यसभा (Rajya sabha) की 57 सीटों पर होने वाले चुनाव (Rajya sabha Election) को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। 15 राज्यों में 57 राज्यसभा सीटों (rajya sabha seats) के लिए चुनाव 10 जून को आयोजित होंगे। राज्यसभा में 245 सदस्य हैं, बहुमत का निशान 123 है। भारतीय निर्वाचन आयोग (Election commission) ने राज्यसभा के 57 सीटों पर चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। 15 राज्यों के 57 सीटों पर चुनाव आयोजित किए जाएंगे। इसमें सबसे ज्यादा सीटें उत्तर प्रदेश में है। वही छत्तीसगढ़ में भी 2 सीटों पर चुनाव होने हैं। छत्तीसगढ़ के अलावा बिहार की 5 सीटों पर चुनाव हो रहा है।
बता दे कि राज्यसभा चुनाव की अधिसूचना 24 मई को जारी की जाएगी। नामांकन की प्रक्रिया 24 मई से शुरू होगी। राज्यसभा के लिए 31 मई तक नामांकन दाखिल किया जा सकेगा। वहीं 1 जून को नामांकन पत्र की जांच की जाएगी। नामांकन पत्र की जांच करने के बाद 3 जून को उम्मीदवार के नामांकन वापस लेने के लिए उन्हें मौका दिया जाएगा। राज्यसभा के लिए मतदान 10 जून को कराया जाएगा। मतदान सुबह 9:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक कराया जाएगा। जिसके बाद 11 जून को रिजल्ट की घोषणा की जाएगी।
कलेक्टर चुनाव के लिए तैयार हो जाएं- VC में बोले राज्य निर्वाचन आयुक्त
15 राज्यों में फैली 52 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव 10 जून को होंगे। सबसे ज्यादा 11 सीटें उत्तर प्रदेश में हैं। इसके बाद महाराष्ट्र और तमिलनाडु हैं – प्रत्येक राज्य में छह-छह सीटों पर चुनाव होना है। अन्य राज्यों में जहां चुनाव होने हैं, उनमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड और हरियाणा शामिल हैं।
बता दे कि जून 2022 से 1 अगस्त के बीच सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है। जिसके बाद चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। बिहार के केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह, राजद सुप्रीमो लालू यादव की पुत्री मिशा भारती के अलावा गोपाल नारायण सिंह, सतीश चंद्र दुबे और शरद चंद्र यादव का भी कार्यकाल समाप्त हो रहा है। जबकि छत्तीसगढ़ से भाजपा के रामविचार नेताम सहित कांग्रेस की छाया वर्मा के रिटायरमेंट से 2 सीटें खाली हो रही है। यह दोनों सांसद 29 जून को राज्यसभा से रिटायर हो जाएंगे।
पिछले महीने BJP द्विवार्षिक चुनावों के बाद संसद के ऊपरी सदन में 100 का आंकड़ा पार करने में सफल रही है, 1990 के बाद ऐसा करने वाली पहली पार्टी बन गई। पार्टी ने तीन और सीटें जीतीं – असम, त्रिपुरा और नागालैंड से एक-एक – उच्च सदन में 101 सांसदों के साथ समाप्त हुई।