नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। पिछले महीने महाराष्ट्र (maharashtra) के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) के पीएम मोदी (PM Modi) से मुलाकात के बाद कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई थी। इसी बीच NCP प्रमुख शरद पवार (sharad pawar) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद कई तरह की सियासी अटकलें तेज हो गई है। दरअसल शरद पवार-पीएम मोदी के इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से शरद पवार की मुलाकात हुई थी इस दौरान शरद पवार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (rajnath singh) से भी मुलाकात कर चुके हैं। जिसके बाद पीएम मोदी और शरद पवार की मुलाकात को कई तरह से जोड़कर बताया जा रहा है। चर्चा है कि सत्ता गलियारों की महाराष्ट्र की राजनीति में जल्द सत्ता उलटफेर की तैयारी की जा रही है। इस दौरान महाराष्ट्र में महाविकास अघाडी दल के नाराजगी की खबर लगातार सामने आती रही है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी शुक्रवार से दिल्ली में ही है और उन्होंने कल केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। हालांकि शरद पवार की तरफ से अभी तक इस मुलाकात पर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है लेकिन माना जा रहा है कि शाम 5:30 बजे खुद शरद पवार प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया लेकिन इसमें देवेंद्र फडणवीस को कोई पद नहीं दिया गया है। ऐसे में यह चर्चा आम हो गई है कि महाराष्ट्र की सियासत में कुछ तो है, जो ठीक नहीं है। उम्मीद जताई जा रही है कि देवेंद्र फडणवीस को फिर से मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया जा सकता हैं।
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महाराष्ट्र की सत्ता में एक दूसरे का समर्थन कर रही कांग्रेस और एनसीपी में लगातार गतिरोध पैदा होते रहते हैं। कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने बीते दिनों कहा था कि अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ेगी और पार्टी अगर कहेगी तो मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभालने के लिए भी वह तैयार है। जिस पर शरद पवार ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी से नाना पटोले की शिकायत की थी। हालांकि कांग्रेस की तरफ से तो कहा गया था कि नाना पटोले इस तरह के बयान नहीं देंगे। लेकिन लगता है कि कांग्रेस से अब पवार नाराज चल रहे हैं।
ज्ञात हो कि इससे पहले सरकार को विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने की राजनीति पर प्रशांत किशोर द्वारा शरद पवार से मुलाकात की गई थी। हालांकि सरकार ने इन अटकलों को बेतुका बताया था और उस बैठक को गैर राजनीति बैठक करार दिया था। वैसे तो महाराष्ट्र में गठबंधन की आपसी लड़ाई की भी खबर किसी से छिपी नहीं है। वहीं हिंदुत्व, CAA, NRC, राम जन्मभूमि, सावरकर, Corona आदि जैसे मुद्दों पर महा विकास अघाड़ी गठबंधन के गठन के बाद से शिवसेना अक्सर अपने विपरीत विचार को लेकर कांग्रेस के साथ भिड़ गई है। जिसमें NCP शांतिदूत की भूमिका निभा रही है।
राकांपा और कांग्रेस के कई मंत्रियों ने उद्धव ठाकरे पर अपने गठबंधन सहयोगियों की तुलना में नौकरशाहों पर अधिक निर्भर होने का आरोप लगाया है। कांग्रेस प्रमुख बालासाहेब थोराट, मंत्री अशोक चव्हाण ने खुले तौर पर कहा है कि ठाकरे सरकार द्वारा लिए जा रहे किसी भी फैसले में पार्टी की कोई भूमिका नहीं है। तीनों सहयोगियों ने यह सुनिश्चित किया है कि गठबंधन सुरक्षित है, लेकिन भाजपा ने अक्सर कहा है कि एमवीए सरकार अपने आप गिर जाएगी।