चंडीगढ़, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश सरकार नई तैयारी में है जिसके तहत 36000 संविदात्मक कर्मचारियों (contractual Employees) को जल्दी नियमित (permanent employees) किया जाएगा। इसके लिए रणनीति तैयार कर ली गई है। अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई करने के लिए एक नवीन कर तैयार किया जाएगा। जिसके लिए पॉलिसी (policy) तैयार कर ली गई है। वहीं कानून विशेषज्ञ की राय मांगी गई है। माना जा रहा है कानूनी विशेषज्ञ की राय मिलने के बाद इसे कैबिनेट (cabinet) में पेश किया जाएगा।
ग़ज़ल प्रदेश सरकार की तैयारी है कि कानून विशेषज्ञ की राय लेकर ही पॉलिसी तैयार की जाए ताकि बाद में कोई इसे अदालत में चुनौती न दे सके। विभिन्न विभागों द्वारा समय-समय पर अनुबंध के आधार पर रखे कर्मचारियों को पक्का करने में कई तरह की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इससे पूर्व भी राज्य सरकार द्वारा कानून तैयार किए गए थे लेकिन कर्मचारियों को स्थाई करने के मामले में कई बार कार्रवाई अदालत में फंस चुकी है। अब भगवंत मान सरकार द्वारा नवीन पॉलिसी तैयार की गई है।
इसके लिए वित्त मंत्री हरपाल सीमा की अगुवाई में कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया गया है। कई बैठकें आयोजित की जा चुकी है। वहीं नवीन कानून बनाने की बजाय अब नीति की योजना शुरू की गई है।जिसमें कर्मचारियों का Cadre अलग तैयार किया जाएगा। अनुबंध के आधार पर रखे कर्मचारियों के कैडर को अलग रखकर उन्हें स्थाई नियुक्ति दी जाएगी। इससे पहले पंजाब में आप अपनी चुनावी वादे को पूरा करने में लगी हुई है। सरकार बजट सत्र में एक विधेयक लाने पर भी विचार कर रही थी। जिसके लिए चुनाव में किए गए प्रमुख वादे के लिए सरकार द्वारा पहले ही 450 करोड़ के अलग कर दिए गए।
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हालांकि कानून मसौदा तैयार नहीं किया जा सका। जिस पर राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल सहित सीएम भगवंत मान ने अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी इसके साथ ही सीएम ने बीच का रास्ता खोजने के लिए हरपाल सिंह चीमा की अध्यक्षता में कैबिनेट उपसमिति की घोषणा की थी। अब नवीन नीति के तहत कर्मचारियों को 10 साल की सेवा के बाद नियमित किया जा सके।
ऐसे प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। मामले में कर्मचारियों ने कहा कि पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में संविदा कर्मचारियों को नियमित कर दिया है। उसके लिए केवल 3 साल की सेवा निर्धारित की गई थी। इस संबंध में एक ऐसी नीति का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें 10 साल कि संविदा सेवा करने के साथ ही कर्मचारियों को नियमित किया जा सकता है।
पॉलिसी तैयार की गई है। यदि प्रस्तावित नीति को कानूनी विशेषज्ञ द्वारा अनुमोदित किया जाता है तो सरकार द्वारा इसे अगली कैबिनेट बैठक में पेश किया जा सकता है। वही कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही को अधिसूचित किया जा सकता है और 10 साल की सेवा पूरी करने वाली संविदा कर्मचारियों को स्थाई किया जा सकता है। जिसका लाभ 36000 संविदा कर्मचारियों को होगा।