Wed, Dec 31, 2025

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, इस तरह से मिलेगा लाभ

Written by:Kashish Trivedi
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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, इस तरह से मिलेगा लाभ

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ जहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता (anganwadi workers) अपने वेतन वृद्धि (Salary increment) सहित मानदेय (honorarium hike) को लेकर लगातार राज्य सरकारों से कड़ी मांग कर रही है। वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिका के हक में बड़ा फैसला दिया। दरअसल अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका ग्रेच्युटी (gratuity) की भी हकदार होंगी। उन्हें सामाजिक सुरक्षा के रूप में 10% ब्याज (interest) के साथ ग्रेच्युटी भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं। एक महत्वपूर्ण फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी सहायिका ग्रेच्युटी के भुगतान की हकदार हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को फैसला सुनाया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और स्वयंसेवक जो 158 मिलियन बच्चों की पोषण संबंधी जरूरतों की देखभाल करते हैं। जिन्हें सरकार देश के “भविष्य के संसाधन” के रूप में संदर्भित करती है। वे ग्रैच्युटी के हकदार हैं। जो बुनियादी सामाजिक सुरक्षा का एक रूप है। शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार को तीन महीने के भीतर 10 प्रतिशत ब्याज के साथ ग्रेच्युटी बकाया चुकाने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की सेवा शर्तों में सुधार के लिए तैयार रहना चाहिए।

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न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति अभय एस की पीठ ने कहा कि आंगनबाडी कार्यकर्ता भी ग्रेच्युटी वितरण अधिनियम, 1972 के तहत ग्रेच्युटी की हकदार हैं। ओका और अन्य की पीठ ने यह फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ को अलग कर दिया है, जिसने फैसला सुनाया था कि वह ग्रेच्युटी का हकदार नहीं है।

अदालत ने कहा कि आंगनबाडी कार्यकर्ताओं ने देश में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अहम भूमिका निभाई है। अदालत ने यह भी कहा कि उनकी सेवा की शर्तों में समय पर बदलाव का समय आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात आंगनबाडी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन की ओर से दायर एक याचिका पर यह आदेश दिया।

वरिष्ठ अधिवक्ता पी.वी. सुरेंद्र नाथ, और अधिवक्ता के.आर. सुभाष चंद्रन ने यूनियनों का प्रतिनिधित्व किया। ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। केंद्रीय महासचिव ए.आर. सिंधु ने मांग की।