भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश (MP) के कुछ कर्मचारियों (employees) को अब अपने विभाग (department) में वापस लौटना होगा। दरअसल वन विभाग द्वारा सख्ती अपनाई जा रही है। जिसके बाद कलेक्टर कार्यालय में सालों से पदस्थ कर्मचारी वन विभाग की ओर लौटने को मजबूर हो गए हैं। दरअसल सामान्य वन मंडल (general forest division) के यह वनरक्षक और लिपिक सालों से जिला निर्वाचन कार्यालय में जमे हुए थे। इनकी कमी का सीधा सीधा असर वन विभाग पर पड़ रहा था।
जिसके बाद वन विभाग द्वारा इन कर्मचारियों की सेवाएं वापस पाने के लिए वन मंडल कई पत्र जिला प्रशासन को लिखे हैं। वहीं अब जिला प्रशासन द्वारा उनकी सेवाएं विभाग को लौटाने की तैयारी कर ली गई है। दरअसल कई बार कर्मचारी अपने साधन से फाइल को अटका देते थे। जिस पर वन विभाग ने बेहद सख्त रुख अपनाया था और उन्होंने कार्यालय को साफ लिख दिया था कि या तो कर्मचारियों को वापस विभाग में भेजा जाए अन्यथा उन कर्मचारियों के वेतन में अपने ही कार्यालय से दें।
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इतना ही नहीं 1 महकमे ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर कर्मचारियों के दस्तावेज तक भेज दिए थे। जिस पर अब सभी 20 कर्मचारियों के वन विभाग में वापसी का रास्ता साफ हो गया है। बता दें कि जिला प्रशासन ने इन सभी 20 अधिकारियों को चुनावी कार्य के लिए BLO का कार्य सौंपा था लेकिन कर्मचारियों को उनके मूल विभाग में वापस नहीं भेजा गया।
यह सभी जिला निर्वाचन कार्यालय में बतौर BLO काम कर रहे हैं। जिसके बाद वन विभाग की सख्ती के बाद कलेक्टर ने खुद ही निर्वाचन में सेवाएं देने वाले इन कर्मचारियों की सूची तलब कर सभी को वापस मूल विभाग में बेचने के आदेश दे दिए हैं।
वहीं सूत्रों से मिली जानकारी में बड़ा खुलासा हुआ है। जिनमें इन 20 अधिकारियों में 10 अधिकारी के नाम ऐसे शामिल है। जो कहीं भी कार्यरत नहीं है। इस खुलासे के बाद भी विभाग द्वारा इन्हें नोटिस जारी किया गया है। अगर इसके बाद भी विभाग उनके जवाब से संतुष्ट नहीं होता है तो ऐसे कर्मचारियों पर कार्रवाई होनी तय है।