Tue, Dec 30, 2025

UGC की नवीन तैयारी, छात्रों को मिलेगा लाभ, विश्वविद्यालयों-संस्थानों को निर्देश

Written by:Kashish Trivedi
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UGC की नवीन तैयारी, छात्रों को मिलेगा लाभ, विश्वविद्यालयों-संस्थानों को निर्देश

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। यूजीसी (UGC) द्वारा बड़ी तैयारी की गई है। जिसके तहत कॉलेज (colleges) में लगातार बढ़ रहे रैगिंग (ragging) मामले को देखते हुए सरकार द्वारा सबसे नियम तैयार कर दिए गए हैं। देशभर में रैगिंग की घटनाएं बढ़ रही है। ऐसे में नवीन गाइडलाइन (guideline) जारी की गई है। जिसमें अब विश्वविद्यालयों-कॉलेज को विद्यार्थियों के लिए हेल्पलाइन सेवा  (helpline service) शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी भी लगाए जाएंगे। जिसका लाभ छात्रों को मिलेगा।

कई राज्यों के आंकड़े रैगिंग के मामले में चौंकाने वाले हैं। छात्रों के साथ रेगुलर बातचीत और कॉउन्सिलिंग की जाएगी। साथ ही हॉस्टल का औचक निरीक्षण किया जाएगा। कैंपस में खतरे से निपटने के लिए एंटी रैगिंग कमिटी का गठन किया जाएगा। इसके अलावा कॉलेजों को एंटी रैगिंग अवेयरनेस पोस्टर्स फॉर यूजीसी की वेबसाइट का जिक्र करना अनिवार्य होगा।

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यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालय सहित IIT IIM, मेडिकल, टेक्निकल कॉलेज में भी एंटी रैगिंग गाईडलाइन लागू करने के निर्देश जारी किए हैं। सचिव रजनीश जैन ने कहा कि हॉस्टल कैंटीन हॉल टॉयलेट बस स्टैंड सहित सरप्राइस इंफेक्शन की रिपोर्ट भी कॉलेजों को पेश करनी होगी। इसके अलावा कैंपस में उद्योगों पर सीसीटीवी लगाना अनिवार्य होगा, जहां किसी की नजर न पहुँच रही हो। साथ ही एंटी रैगिंग कमेटी और एंटी रैगिंग स्क्वॉड को सोशल मीडिया माध्यम से गाइडलाइन की जानकारी देनी होगी।

एंटी रैगिंग की जानकारी देने के लिए कैंपस में बैनर और पोस्टर तैयार किए जाएंगे। कॉलेज को अपनी वेबसाइट पर एंटी रैगिंग कमेटी ऑफिसर के फोन नंबर और पता अपडेट करना अनिवार्य होगा। साथ ही कॉलेज समय-समय पर एंटी रैगिंग सेमिनार का आयोजन करेंगे। ऐसे ऐप का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए गए हैं। जहां छात्र की प्राइवेसी और आईडेंटिटीज सेफ रहे।

इससे पहले UGC ने विश्वविद्यालय उनके संबंध कॉलेज में सभी धाराओं में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर साइबर सुरक्षा पाठ्यक्रम को लागू करने के निर्देश दिए हैं। यूजीसी ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि साइबर सुरक्षा पाठ्यक्रम का उद्देश्य लोगों को अधिक जागरूक किया जायेगा, इसका उद्द्देश्य लोगों को डिजिटल रूप में सशक्त करना है।

उच्च शिक्षण संस्थानों में साइबर स्वच्छता के प्रचार को बढ़ाया जाएगा। साथ ही पाठ्यक्रम के कार्यान्वयन से आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। विश्वविद्यालय में सभी धाराओं में और संबंधित या घटक कॉलेज में भी स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर साइबर सुरक्षा पाठ्यक्रम को जोड़ा जाएगा।