उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। सावन का पावन महीना इस बार रविवार यानी 25 जुलाई से शुरू हो रहा है। देश के सभी ज्योतिर्लंगों में भगवान शिव की बड़े साज-सज्जे और धूम-घाम से पूजा अर्चना की जाती है। ऐसे में बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन भी भोले के भक्तों से जगमगाने लगी है। विश्व प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंग में से शामिल इस नगरी में आने वाले हजारों श्रद्धालुओं की संख्या श्रावण माह में कई गुना अधिक हो जाती है। हालांकि, कोरोना संकट को देखते हुए जिला प्रशासन ने कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए श्रावण माह में निकलने वाली सवारी में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके लिये प्रशासन ने पहले ही आदेश जारी कर दिये थे।
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आपको बता दें, मंदिर में श्रद्धालु सोमवार के रोज सुबह 6 से 11 बजे तक ही दर्शन कर पाएंगे। हर रोज 7 स्लॉट में 3500 श्रद्धलुओं की संख्या बढ़ाकर 5000 कर दी गई है, जिसमे 251 की रसीद कटवाकर दर्शन करने वाले अलग हैं। मंदिर में प्रवेश से पहले वैक्सीन सर्टिफिकेट और 48 घंटे के अंदर की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य है।
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इसबार 22 अगस्त तक रहेगा सावन महिना
श्रावण का महीना 25 जुलाई यानी रविवार से शुरु होगा जो 22 अगस्त तक रहेगा। श्रावण के महीने में इस बार कुल 4 सोमवार पड़ेंगे और भादृ के 3 सोमवार जोकि 22 अगस्त के बाद आएंगे। इस वर्ष बाबा महाकाल की कुल सात सवारी लाव-लश्कर के साथ निकलेंगी।
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कब-कब निकलेगी सवारियां
इसबार उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की पहली सवारी 26 जुलाई सोमवार को मंदिर के मुख्य द्वार से शाम 4 बजे रवाना होगी। दूसरी सवारी सावन का दूसरा सोमवार यानी 2 अगस्त को निकलेगी। इसी तरह तीसरी सवारी 9 अगस्त, चौथी सवारी 16 अगस्त को निकलेगी। बता दें कि सावन माह 22 अगस्त को खत्म होगा। पांचवी और छठी सवारी 23 अगस्त और 30 अगस्त को सोमवार को भादौ माह में निकलेंगी। महाकाल की अंतिम और शाही सवारी 6 सितंबर को निकलेगी।