गुजरात के अहमदाबाद स्थित शांतिग्राम में अडानी इंटरनेशनल स्कूल ने ISSO नेशनल गेम्स चेस प्रतियोगिता 2025 का सफल आयोजन किया। दो दिवसीय इस आयोजन में रणनीति, कौशल और खेल भावना का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला। देशभर के 10 से अधिक राज्यों के 80 से ज्यादा स्कूलों से आए 370 से अधिक छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। 650 से अधिक लोग, जिनमें माता-पिता, कोच और समर्थक शामिल थे, इस आयोजन के गवाह बने। प्रतियोगिता में अंडर-11, अंडर-14, अंडर-17 और अंडर-19 की चार श्रेणियां रखी गईं, जिनमें खिलाड़ियों ने दबाव की स्थिति में भी अपने संयम और रणनीति का बेहतरीन प्रदर्शन किया।
उद्घाटन समारोह में अडानी इंटरनेशनल स्कूल की प्रमोटर नम्रता अडानी मौजूद रहीं और उन्होंने छात्रों से उत्साहजनक बातचीत की। इस मौके पर गुजरात राज्य शतरंज संघ के पूर्व सचिव और ऑल इंडिया चेस फेडरेशन के उपाध्यक्ष भावेश पटेल तथा ग्रैंडमास्टर अंकित राजपरा ने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया और अपने अनुभव साझा किए। टूर्नामेंट में ओवरऑल चैंपियन छत्रभुज नरसी स्कूल, मुंबई बना, जबकि रनर-अप का खिताब इंडस इंटरनेशनल स्कूल, हैदराबाद ने जीता।
ISSO नेशनल गेम्स 2025
अध्ययन और खेल के इस संगम ने भारतीय शतरंज की मजबूती को भी सामने रखा। आर. प्रज्ञानानंद और डी. गुकेश जैसे खिलाड़ियों की वैश्विक उपलब्धियों ने भारत को दुनिया के शीर्ष शतरंज देशों में स्थापित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि स्कूल स्तर पर ऐसे प्रतियोगिताएं ही भविष्य के चैंपियनों को तैयार करती हैं। इससे युवा खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों की कठिन प्रतिस्पर्धा के लिए खुद को बेहतर बना रहे हैं। टूर्नामेंट ने यह साबित किया कि भारत का शतरंज इकोसिस्टम मजबूत है और यह अगली पीढ़ी के लिए नए अवसर पैदा कर रहा है।
अंतिम दिन हुए समापन समारोह में सभी श्रेणियों में विजेताओं को पदक और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। अंडर-11 में अयानराज कोट्टापल्ली और अमाया अग्रवाल, अंडर-14 में निर्वाण नीरव शाह और नायशा खंडेलवाल, अंडर-17 में अमन जॉर्ज थॉमस और हसिता रेड्डी पटेलु, जबकि अंडर-19 में स्पर्श सारावोगी और झलक ब्याडवाल ने पहला स्थान हासिल किया। आयोजन ने न केवल खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारा, बल्कि अडानी इंटरनेशनल स्कूल की शिक्षा और खेल दोनों क्षेत्रों में प्रतिबद्धता को भी दर्शाया। स्कूल अपने नवाचारपूर्ण शिक्षण और खेल गतिविधियों से छात्रों को जागरूक, जिम्मेदार और आत्मनिर्भर नागरिक बनाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है।





