MP Breaking News
Wed, Dec 17, 2025

अहमदाबाद में टॉयलेट सीट के नीचे मिला शराब का जखीरा, पुलिस ने 2.76 लाख की बोतलें जब्त कीं

Written by:Neha Sharma
Published:
गुजरात के अहमदाबाद जिले में पुलिस ने शराब माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। अहमदाबाद ग्रामीण पुलिस की लोकल क्राइम ब्रांच (LCB) टीम ने असलाली थाने के बरेजा गांव में छापेमारी कर लाखों रुपये की शराब बरामद की।
अहमदाबाद में टॉयलेट सीट के नीचे मिला शराब का जखीरा, पुलिस ने 2.76 लाख की बोतलें जब्त कीं

गुजरात के अहमदाबाद जिले में पुलिस ने शराब माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। अहमदाबाद ग्रामीण पुलिस की लोकल क्राइम ब्रांच (LCB) टीम ने असलाली थाने के बरेजा गांव में छापेमारी कर लाखों रुपये की शराब बरामद की। खास बात यह रही कि तस्करों ने शराब को छिपाने के लिए बेहद चालाकी भरा तरीका अपनाया था। रेड के दौरान शुरुआत में पुलिस को कुछ नहीं मिला, लेकिन बाद में एक स्विच खींचते ही दीवार के पीछे शराब की बोतलें नजर आईं। इसके बाद टीम ने घर की बारीकी से तलाशी शुरू की और टॉयलेट सीट के नीचे भी शराब का बड़ा जखीरा बरामद किया।

टॉयलेट सीट के नीचे मिला शराब का जखीरा

LCB को खुफिया इनपुट मिला था कि बरेजा गांव के दो घरों में बड़ी मात्रा में शराब छिपाई गई है। जब टीम वहां पहुंची और तलाशी शुरू की, तो पहले सब सामान्य लगा। हालांकि, एक कमरे में दो संदिग्ध स्विच मिलने पर पुलिस को शक हुआ। स्विच खींचने पर दीवार के पीछे शराब की बोतलें दिखीं। इस खुलासे के बाद पुलिस ने पूरे घर की गहन तलाशी ली और शौचालयों की भी जांच शुरू की।

जांच के दौरान पुलिस को एक टॉयलेट सीट ढीली दिखाई दी। जब सीट को हटाया गया, तो नीचे बंकरनुमा जगह निकली जिसमें बड़ी संख्या में शराब की बोतलें छुपाई गई थीं। यहां से पुलिस ने कुल 792 बोतलें बरामद कीं, जिनकी कीमत लगभग 2.76 लाख रुपये आंकी गई है। अधिकारी के अनुसार, यह शराब बिक्री के लिए रखी गई थी और इसे बेहद गुप्त तरीके से स्टोर किया गया था, ताकि पुलिस या किसी बाहरी व्यक्ति को शक न हो।

गौरतलब है कि इससे पहले वडोदरा जिले में भी पुलिस ने पिछले साल एक घर में बंकर बनाकर शराब छुपाने का मामला पकड़ा था। गुजरात में शराबबंदी लागू है, लेकिन तस्कर अक्सर नए-नए तरीके अपनाकर अवैध रूप से शराब की बिक्री करते हैं। अहमदाबाद पुलिस अब इस मामले में फरार तस्कर की तलाश कर रही है और माना जा रहा है कि इसके पीछे संगठित गिरोह का हाथ हो सकता है।