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Thu, Dec 18, 2025

Bullet Train: साबरमती पर 36 मीटर ऊंचा पुल हो रहा तैयार, बुलेट ट्रेन दौड़ेगी 12 मंजिला ऊंचाई पर

Written by:Neha Sharma
Published:
देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना अब रफ्तार पकड़ रही है। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन न सिर्फ भारत के विकास की तस्वीर बदलने जा रही है, बल्कि इसके सफर में तकनीक और रोमांच का मेल भी देखने को मिलेगा।
Bullet Train: साबरमती पर 36 मीटर ऊंचा पुल हो रहा तैयार, बुलेट ट्रेन दौड़ेगी 12 मंजिला ऊंचाई पर

देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना अब रफ्तार पकड़ रही है। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन न सिर्फ भारत के विकास की तस्वीर बदलने जा रही है, बल्कि इसके सफर में तकनीक और रोमांच का मेल भी देखने को मिलेगा। इसी कड़ी में अहमदाबाद में साबरमती नदी पर 36 मीटर ऊंचे पुल का निर्माण तेजी से पूरा किया जा रहा है। यह पुल 12 मंजिला इमारत के बराबर ऊंचा होगा। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने बताया है कि गुजरात के हिस्से में बुलेट ट्रेन परियोजना काफी उन्नत स्तर पर पहुंच गई है और यह पुल आधुनिक कनेक्टिविटी की मिसाल बनेगा।

बुलेट ट्रेन दौड़ेगी 12 मंजिला ऊंचाई पर

यह विशेष पुल अहमदाबाद जिले में साबरमती नदी पर 480 मीटर लंबा बनाया जा रहा है, जो पश्चिम रेलवे की अहमदाबाद-दिल्ली मुख्य लाइन (14.8 मीटर ऊंची) के समानांतर होगा। NHSRCL के मुताबिक, यह पुल हाई-स्पीड रेल और मौजूदा रेलवे नेटवर्क के बीच बेहतर तालमेल को दिखाएगा। बुलेट ट्रेन का कॉरिडोर अहमदाबाद में कई संरचनाओं जैसे फ्लाईओवर, मेट्रो कॉरिडोर और रेलवे लाइनों को पार करता हुआ गुजरेगा। यही वजह है कि पुल को इस तरह की ऊंचाई पर बनाने की जरूरत पड़ी।

पुल के निर्माण में कुल 8 गोलाकार खंभे बनाए गए हैं, जिनका व्यास 6 से 6.5 मीटर है। इनमें से 4 खंभे नदी के भीतर, 2 नदी के दोनों किनारों पर और 2 नदी तट के बाहर स्थित हैं। इन खंभों की ऊंचाई इस तरह तय की गई है कि निर्माण के उच्चतम बिंदु से 5.5 मीटर का ऊर्ध्वाधर अंतर बना रहे, जिससे जल प्रवाह और यातायात में कोई बाधा न आए। नदी के भीतर खंभों की संख्या कम रखने के लिए स्पेशल डिज़ाइन तैयार किया गया है जिससे जलमार्ग में अवरोध भी न्यूनतम रहेगा।

अब तक इस परियोजना में गुजरात में 16 नदी पुल पूरे हो चुके हैं, जबकि कुल 25 पुल बनाए जाने हैं—इनमें से 21 गुजरात में और 4 महाराष्ट्र में हैं। साबरमती पर बन रहा यह विशेष पुल अन्य पुलों से अलग है क्योंकि इसमें 50 से 80 मीटर तक के लंबे स्पैन बनाए जा रहे हैं। पुल में 76 मीटर के 5 और 50 मीटर के 2 स्पैन होंगे। हर स्पैन में 23 सेगमेंट हैं जिन्हें साइट पर ही कास्ट किया जा रहा है। इसका निर्माण बैलेंस्ड कैंटिलीवर तकनीक से किया जा रहा है, जो इंजीनियरिंग की दृष्टि से एक बड़ी उपलब्धि है।