गुजरात में बहुप्रतीक्षित ‘जनरक्षक प्रोजेक्ट’ का रविवार को शुभारंभ हुआ। गांधीनगर में आयोजित भव्य कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने डायल 112 नंबर को लांच किया और 500 जनरक्षक वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस परियोजना के तहत पुलिस, अग्निशमन, एम्बुलेंस, महिला हेल्पलाइन और बाल हेल्पलाइन जैसी सभी आपातकालीन सेवाएं अब एक ही नंबर 112 पर उपलब्ध होंगी। इसके लिए केंद्रीकृत कॉल सेंटर बनाया गया है, जहां 24 घंटे 150 कर्मचारी तैनात रहेंगे। कॉल मिलने पर नजदीकी जनरक्षक वाहन बिना किसी पुलिस स्टेशन की सीमा की परवाह किए तुरंत घटनास्थल पर पहुंचेगा। पायलट प्रोजेक्ट के तहत सूरत में इस योजना से पुलिस के प्रतिक्रिया समय में दो मिनट की कमी आई है।
‘जनरक्षक प्रोजेक्ट’ हुआ शुरू
इस मौके पर अमित शाह ने कहा कि अब लोगों को अलग-अलग आपातकालीन नंबर याद रखने की जरूरत नहीं होगी, सिर्फ 112 डायल करने पर सभी सेवाएं मिलेंगी। उन्होंने कहा कि गुजरात एक संवेदनशील सीमावर्ती राज्य है, जहां अतीत में समुद्री तट और सीमावर्ती इलाकों में कई घटनाएं हुई थीं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल में गुजरात की सीमाएं अभेद्य हो गई हैं और कानून-व्यवस्था के मामले में राज्य देश में नंबर वन बना है। शाह ने आगे कहा कि आतंकवाद के खिलाफ केंद्र सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के कारण पूर्वोत्तर में अब तक 10 हजार से ज्यादा लोग आत्मसमर्पण कर चुके हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि 31 मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद का पूरी तरह खात्मा हो जाएगा।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने डायल 112 को गुजरात पुलिस के लिए नए युग की शुरुआत बताया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना नागरिकों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार का दूरदर्शी कदम है। पटेल ने कहा कि अब एक ही नंबर पर सभी आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध होंगी, जिससे जनता को त्वरित सहायता मिलेगी।
गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि यह परियोजना केंद्र और राज्य के तालमेल का उदाहरण है। उन्होंने बताया कि पश्चिमी क्षेत्रीय बैठक में अमित शाह ने सभी आपातकालीन सेवाओं को एक प्लेटफॉर्म पर लाने का सुझाव दिया था और गुजरात ने इसे केवल छह महीने में लागू कर दिखाया। इस मौके पर राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विकास सहाय भी मौजूद रहे।





