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Sat, Dec 20, 2025

विकास कार्यों की अनदेखी पर हार्दिक पटेल नाराज, उपवास आंदोलन की दी चेतावनी

Written by:Neha Sharma
Published:
गुजरात के पाटीदार नेता और बीजेपी विधायक हार्दिक पटेल ने अपने विधानसभा क्षेत्र विरमगाम में विकास कार्यों की धीमी रफ्तार को लेकर नाराजगी जताई है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्द काम शुरू नहीं हुआ तो उन्हें एक जनप्रतिनिधि के नाते विरोध का रास्ता अपनाना पड़ेगा।
विकास कार्यों की अनदेखी पर हार्दिक पटेल नाराज, उपवास आंदोलन की दी चेतावनी

गुजरात के पाटीदार नेता और बीजेपी विधायक हार्दिक पटेल ने अपने विधानसभा क्षेत्र विरमगाम में विकास कार्यों की धीमी रफ्तार को लेकर नाराजगी जताई है। हार्दिक ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और शहरी विकास सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि सात महीने पहले भूमिपूजन के बाद भी एक प्रतिशत काम तक शुरू नहीं हुआ है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्द काम शुरू नहीं हुआ तो उन्हें एक जनप्रतिनिधि के नाते विरोध का रास्ता अपनाना पड़ेगा और वे लोगों के साथ मिलकर उपवास आंदोलन करेंगे। हार्दिक पटेल ने सीवर लाइन के ओवरफ्लो और गंदे पानी की समस्या को लेकर भी स्थायी समाधान की मांग की है।

विकास कार्यों की अनदेखी पर हार्दिक पटेल नाराज

हार्दिक पटेल का यह विरोध ऐसे समय सामने आया है जब राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के लिए पहुंचे हैं। इस बीच राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि राज्य में बीजेपी अध्यक्ष की नियुक्ति, मंत्रिमंडल में फेरबदल और आईपीएस अधिकारियों के तबादलों जैसे कई अहम फैसले लंबित हैं। इन सब के बीच हार्दिक पटेल के पत्र ने राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। हालांकि, हार्दिक ने सिर्फ अपने क्षेत्र की विकास संबंधी समस्याएं उठाई हैं और उनका मकसद विरमगाम को आदर्श निर्वाचन क्षेत्र बनाना है।

वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हार्दिक पटेल ने विरमगाम सीट से शानदार जीत दर्ज की थी। उन्हें करीब 50 फीसदी वोट मिले थे और कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही थी। हार्दिक उस समय मात्र 29 वर्ष के थे और गुजरात के सबसे युवा विधायकों में से एक बन गए थे। अब विधायक बनने के बाद हार्दिक पटेल लगातार विरमगाम क्षेत्र में सक्रिय हैं और स्थानीय समस्याओं को लेकर लगातार सरकार का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

हार्दिक पटेल ने 1 अगस्त को यह पत्र मुख्यमंत्री को भेजा है, जिसमें उन्होंने कहा कि लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए अब उन्हें भी उनके साथ खड़ा होना पड़ेगा। उन्होंने विरमगाम नगरपालिका की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए और इसे लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने वाला बताया। हार्दिक पटेल के इस पत्र से राज्य की राजनीति में एक बार फिर पाटीदार आंदोलन की तासीर झलकने लगी है।