गुजरात के सूरत शहर में पुलिस को मंगलवार रात एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी। कुख्यात ड्रग तस्कर शिवा उर्फ शिवराज जाला (28) को भाटेना इलाके में उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया। शिवराज जाला लंबे समय से पुलिस की पकड़ से बाहर था और उस पर हत्या, लूट, ड्रग तस्करी समेत 16 गंभीर मामले दर्ज हैं। जाला ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने तीन मंज़िला मकान को किला बना रखा था। उसके घर के चारों ओर 25 सीसीटीवी कैमरे लगे थे, तीन वॉकी-टॉकी लिए गश्त करने वाले लोग भी तैनात थे, और ग्राउंड फ्लोर पर एक विशेष निगरानी कक्ष भी बना रखा था। उसका मकान उस इलाके में सबसे ऊंचा है, जिससे वह दूर तक सब पर नज़र रख सकता था।
सूरत में ड्रग माफिया शिवराज जाला गिरफ्तार
सूरत स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) को गुप्त सूचना मिली कि जाला इस समय अपने घर पर मौजूद है। सूचना मिलते ही 25 पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में 15 बाइकों पर सवार होकर रात में भाटेना पहुंचे। पुलिस ने जाला के घर की ओर जाने वाले छह रास्तों को घेर लिया और हर संभावित भागने के रास्ते पर जवान तैनात कर दिए। इंस्पेक्टर ए. पी. चौधरी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने योजना के तहत अपनी बाइकें करीब 100 मीटर दूर खड़ी कीं और पैदल जाकर घर पर दबिश दी। किस्मत से उस समय जाला का मुख्य दरवाजा खुला था, जिससे पुलिस सीधे अंदर घुसी और उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस को जाला के घर से 16 लाख रुपये नकद, 120 ग्राम मेफेड्रोन (सिंथेटिक ड्रग) और दो पिस्तौल बरामद हुए हैं। पुलिस ने उसके खिलाफ NDPS एक्ट और आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की है। जांच में सामने आया है कि जाला मुंबई के एक तस्कर से ड्रग्स मंगवाता था और केवल भरोसेमंद पेडलरों को ही सप्लाई करता था। वह इन लोगों की हर गतिविधि पर नजर रखता था। इस पूरे रैकेट में उसकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि पुलिस की कई पुरानी रेड्स से भी वह बच निकला था।
भाटेना इलाके में जाला को गरीबों का मसीहा माना जाता था। वह लोगों की शादियों, इलाज और अन्य जरूरतों में पैसे से मदद करता था, जिससे उसका प्रभाव इलाके में बहुत बढ़ गया था। पुलिस के अनुसार, शिवराज जाला मूल रूप से अहमदाबाद के धंधुका तालुका का रहने वाला है और उसके पिता एक टेंपो चालक थे। परिवार वर्षों पहले सूरत में बस गया था। अब पुलिस उसकी सम्पत्तियों की जांच और नेटवर्क को उजागर करने में जुट गई है।





