गुजरात सरकार ने शासन व्यवस्था को और ज्यादा स्मार्ट पारदर्शी और तेज़ बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक्शन प्लान 2025–2030 को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस योजना को मंजूरी देते हुए कहा कि एआई के जरिये राज्य में योजनाओं के क्रियान्वयन सेवा वितरण और कल्याणकारी लाभों को और ज्यादा प्रभावी बनाया जाएगा। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया और टेक्नोलॉजी आधारित विकास के विजन से भी जुड़ा हुआ है।
विकसित राज्य @2047 के लक्ष्य की दिशा में
भूपेंद्र पटेल ने नवंबर 2024 में सोमनाथ में आयोजित सरकार के वार्षिक चिंतन शिविर के दौरान यह स्पष्ट किया था कि गुजरात को विकसित राज्य @2047 के लक्ष्य की दिशा में ले जाने के लिए टेक्नोलॉजी ड्रिवन गवर्नेंस को बढ़ावा देना बेहद जरूरी है। इसी सोच के तहत यह एआई एक्शन प्लान तैयार किया गया है, जिससे स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, फिनटेक समेत कई जरूरी क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का विस्तार किया जाएगा।
इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए 10 सदस्यों की एक विशेषज्ञ एआई टास्कफोर्स का गठन किया गया, जिसने इस योजना का मसौदा तैयार किया। टास्कफोर्स की सिफारिशों पर आधारित इस एक्शन प्लान को अब आधिकारिक तौर पर मंजूरी मिल चुकी है। यह प्लान राज्य सरकार को आधुनिक एआई क्षमताओं से सुसज्जित करने वाला एक टाइम-बाउंड ब्लूप्रिंट होगा।
इस योजना के तहत गुजरात सरकार एक समर्पित AI और Deep Tech मिशन की स्थापना करेगी। यह मिशन एआई रणनीतियों के निर्माण, कार्यान्वयन और नवाचार के लिए एक खास संस्थागत ढांचा देगा। इसके जरिये न केवल सरकारी तंत्र को मजबूत किया जाएगा बल्कि आम नागरिकों को भी सेवाओं की सुगमता और गुणवत्ता में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।
एआई आधारित कार्यबल को मजबूती
साथ ही यह मिशन स्टार्टअप्स, शिक्षाविदों, शोध संस्थानों और उद्योगों के साथ सहयोग कर एक मजबूत एआई इकोसिस्टम तैयार करेगा। इसमें युवाओं और पेशेवरों की स्किलिंग, री-स्किलिंग और अपस्किलिंग पर खास ध्यान दिया जाएगा ताकि राज्य में एआई आधारित कार्यबल को मजबूती दी जा सके।





