भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। 7th Pay Commission: मध्य प्रदेश के पौने पांच लाख पेंशनरों (MP Pensioners) के लिए काम की खबर है। पेंशनरों की 31 % महंगाई राहत पर ताजा अपडेट सामने आया है। एक तरफ पेंशनरों ने सरकार को चेतावनी दे रखी है कि अगर जल्द से जल्द 17% डीआर का लाभ नहीं दिया गया तो इसका अंजाम आगामी नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में भुगतना पड़ेगा, वही दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार से पेंशनरों को तत्काल 17 प्रतिशत महंगाई राहत देने की मांग की है।
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पूर्व मुख्यमंत्री एवं मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश के साढ़े चार लाख से अधिक शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त पेंशनर्स 17 प्रतिशत महंगाई राहत की मांग निरंतर कर रहे हैं, लेकिन उन्हें 17 प्रतिशत महंगाई राहत अब तक नहीं दी गई है। हालत यह है कि सेवानिवृत्त लोगों को वृद्धावस्था में जल सत्याग्रह जैसा कठोर कदम उठाना पड़ रहा है। आए दिन खुद को श्रवण कुमार घोषित करने वाले मुख्यमंत्री को तत्काल सेवानिवृत्त कर्मचारियों से उनको हुए कष्ट के लिए माफी मांगनी चाहिए और उन्हें महंगाई राहत देनी चाहिए।
कमलनाथ ने कहा कि जुलाई 2022 से शासकीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को देय महंगाई भत्ते में वृद्धि होना भी सम्भावित है। पेंशनर्स इस लाभ को पाने के भी हकदार होंगे। महंगाई राहत का अंतर भी अत्यधिक हो जाएगा। भारत सरकार में कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई भत्ता और राहत साथ-साथ देने की नीति का पालन होता आ रहा है परन्तु मध्य प्रदेश में इस नीति का पालन वर्षाे से नहीं हो रहा है। अब तो पेंशनर्स सत्याग्रह के मार्ग पर चल पड़े हैं और नर्मदा जल में आधा डूबकर सत्याग्रह भी कर रहे है, परन्तु पेंशनर्स को महंगाई राहत देने के लिये सरकार कोई प्रभावी कदम नहीं उठा रही है, केवल टाल-मटोल और बहानेबाजी कर रही है।
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गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों (MP Employees DA Hike) को 31% महंगाई भत्ता मिल रहा है, लेकिन पेंशनरों (MP Pensioners) को अब तक 17% डीआर ही दिया जा रहा है। हालांकि शिवराज कैबिनेट ने डीए के साथ डीआर में भी 11 प्रतिशत बढ़ोतरी की मंजूरी दे दी है और कर्मचारियों को 31% DA का भी लाभ मिलने लगा है, लेकिन पेंशनरों को अब भी इंतजार है, क्योंकि आदेश जारी करने के लिए मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) की संवैधानिक बाध्यता के कारण छत्तीसगढ़ सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य है।इसके लिए बीते दिनों मप्र के वित्त विभाग ने छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र भी लिखा था, लेकिन उस पर सहमति नहीं दी गई है।
पुरानी पेंशन बहाली की भी मांग
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में तीन लाख कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली के लिये, साढ़े चार लाख से अधिक पेंशनर्स अपनी पेंशन में महंगाई राहत के लिये और लाखों सरकारी कर्मचारी पूर्व मे दिये महंगाई भत्ते के एरियर्स और शेष देय महंगाई भत्ते की मांग सरकार से कई बार और निरंतर कर रहे हैं, परन्तु सरकार इन मांगों को अनदेखा कर रही है। उन्होंने शिवराज सरकार से मांग की है कि कर्मचारियों और पेंशनर्स की मांगों पर अविलंब सकारात्मक निर्णय लें। कर्मचारियों और पेंशनर्स को तत्काल महंगाई राहत एवं एरियर्स देने के आदेश जारी करायें।