दरअसल, मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों (MP Employees DA Hike) को 34% महंगाई भत्ता मिल रहा है, लेकिन पेंशनरों (MP Pensioners) को अब तक 28% डीआर ही दिया जा रहा है।वही केन्द्र के कर्मचारियों को 38 फीसदी डीए डीआर का लाभ मिल रहा है।एक तरफ राज्य सरकार कर्मचारियों के डीए में 4 फीसदी वृद्धि कर इसे 38 फीसदी करने की तैयारी में है वही पेंशनरों के डीआर में भी 5% वृद्धि कर इसे 33 फीसदी करने जा रही है, इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार से अनुमति मांगी गई है।
चुंकी मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) की संवैधानिक बाध्यता के कारण छत्तीसगढ़ सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य है।इसके लिए मप्र के वित्त विभाग ने छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र भी लिखा है। इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार कर्मचारियों के समान पेंशनरों को भी 34 प्रतिशत महंगाई राहत देने का फैसला पहले ही कर चुकी है।यदि पांच प्रतिशत की वृद्धि की सहमति मिल जाती है तो महंगाई राहत बढ़कर 33 प्रतिशत प्रतिमाह हो जाएगी। हालांकि, यह फिर भी कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते से एक प्रतिशत कम रहेगी।
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बता दे कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49 के अनुसार राज्य को महंगाई राहत में वृद्धि करने से पूर्व सहमति लेनी होती है, क्योंकि इससे जो आर्थिक भार आता है उसका 74 प्रतिशत हिस्सा मध्य प्रदेश और 26 प्रतिशत छत्तीसगढ़ वहन करता है। यह प्रविधान अविभाजित मध्य प्रदेश के पेंशनर पर लागू होता है। हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार ने महंगाई राहत में 5 प्रतिशत की वृद्धि की है और अब मध्य प्रदेश सरकार 5 प्रतिशत बढ़ोतरी करने की तैयारी में है।