भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के लाखों कर्मचारियों (MP Government Employees) और पेंशनर्स का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बयान के बाद संभावना जताई जा रही है कि प्रदेश की शिवराज सरकार दिवाली से पहले कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और राहत में 5 प्रतिशत की (7th Pay Commission) बढ़ोत्तरी कर सकती है। इससे प्रदेश के 7 लाख से ज्यादा कर्मचारी और पेंशनर्स लाभंवित होंगे। सरकार पर 350 करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा।माना जा रहा है उपचुनाव से पहले यानि अगले महिन तक कर्मचारियों को गुड न्यूज मिल सकती है।वही प्रमोशन में आरक्षण का फैसला भी जल्द सुलझने के आसार है।
कर्मचारियों को बड़ा तोहफा, सरकार ने बढ़ाया 11% DA, सैलरी में आएगा बंपर उछाल
दरअसल, वर्तमान में प्रदेश में कर्मचारियों को 12 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है। संभावना जताई जा रही है कि दीवाली से पहले शिवराज सरकार 5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर सकती है, जिसके बाद 17 प्रतिशत महंगाई भत्ता हो जाएगा। इस संबंध में वित्त विभाग द्वारा प्रस्ताव बनाकर भी मुख्यमंत्री सचिवालय को भेजा जा चुका है, अब इस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) को लेना है। इस बात को बल शुक्रवार को गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बयान- मध्यप्रदेश में कर्मचारियों को दीवाली से पहले खुशखबरी मिलेगी, कर्मचारी भाई थोड़ा धैर्य रखे। प्रदेश सरकार कर्मचारियों के हितों का बराबर ध्यान रखती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर शिवराज सरकार (Shivraj Government) 5 प्रतिशत डीए में बढ़ोत्तरी करती है तो वह 12 से 17 प्रतिशत हो जाएगा। इससे कर्मचारियों की सैलरी में अच्छी खासी बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी।ऐसे में यदि किसी कर्मचारी का मूल वेतन 20,000 रुपये है, तो वेतन का 5%- 1000 रुपये होगा। तो, कर्मचारी को 1000 रुपये अधिक मिल सकते है। इस परिदृश्य में कुल मिलाकर डीए 17% पर 3400 रुपये (DA Hike) होगा। इस बढ़ोत्तरी के बाद कर्मचारियों की सैलरी में अच्छी खासी बढोत्तरी होगी और यह त्यौहारों से पहले बड़ा तोहफा भी साबित होगा।
कर्मचारियों में बढ़ता आक्रोश
बता दे कि मोदी सरकार के केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और राहत में 28 फीसदी बढ़ोत्तरी करने के बाद से ही मध्य प्रदेश के कर्मचारियों द्वारा केंद्र के समान महंगाई भत्ते (dearness allowance) की मांग उठाई जा रही है। लगातार हो रही देरी और पड़ोसी राज्यों द्वारा एक के बाद डीए की सौगात देने के बाद कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है।हाल ही में गुजरात, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बढ़ोत्तरी की गई है। अब मप्र अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा (Madhya Pradesh Government Employees) 4 चरणों में आंदोलन करने का फैसला किया है।
4 चरणों में आंदोलन की रणनीति
इसके तहत 3 दिन बाद 28 सितंबर को प्रदेशभर में एसडीएम-तहसीलदारों को ज्ञापन सौंपा जाएगा। 22 अक्टूबर को भोपाल में बड़ा प्रदर्शन होगा। अगर इसके बाद भी शिवराज सरकार ने डीए और प्रमोशन समेत 5 सुत्रीय मांगों पर फैसला नहीं लिया तो 28 अक्टूबर के बाद दफ्तरों में तालाबंदी की जाएगी। इसके बाद भी अगर मांगे पूरे नहीं हुई तो 29 अक्टूबर के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।इसमें प्रमोशन के आरक्षण (Promotion in Reservation) का मुद्दा भी शामिल है, क्योंकि लगातार देरी के चलते हर साल कर्मचारी इसका लाभ लिए बगैर ही रिटायर होते जा रहे है।
ये है प्रमुख मांगे
- 1 जुलाई 2020 एवं 1 जुलाई 2021 की वेतन वृद्धि में एरियर की राशि का भुगतान किया जाए।
- प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्र के समान केंद्रीय तिथि से 16% प्रतिशत महंगाई भत्ता का भुगतान किया जाए।
- अधिकारी-कर्मचारियों के प्रमोशन की प्रोसेस जल्द शुरू हो।
- गृह भाड़ा भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों की तरह मप्र के अधिकारी-कर्मचारियों को भी दिया जाए।
- स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ भी मिलें।
- विभिन्न संवर्गों के वेतन विसंगति सेवा अवधि अनुासार पदनाम, नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता के निराकरण दैनिक वेतनभोगी, संविदा कर्मचारी, स्थायीकर्मी, आउटसोर्शिंग कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
- अनुकंपा नियुक्ति के सरलीकरण को लेकर वरिष्ठ मंत्री की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाए। समिति के निर्णय का तत्काल पालन हो।