भोपाल।
इन दिनों मध्यप्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। कांग्रेस से प्रत्याशी दिग्विजय सिंह और बीजेपी से प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा देशभर में सुर्खियां बटोर रहे है।एक तरफ कांग्रेस साध्वी के बयानों को आधार बनाकर बीजेपी का घेराव कर रही है, वही दूसरी तरफ बीजेपी हिन्दु विरोधी और मिस्टर बंटाधार छवि को आगे रख हमले बोल रही है।अब चुंकी एक हफ्ते बाद भोपाल मे चुनाव होने है ऐसे में संघ दिग्विजय के खिलाफ ब्रह्मास्त्र इस्तेमाल करने जा रहा है। खबर है कि आरएसएस के इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र की ओर से साध्वी पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई गई है जो आज-कल में रिलीज होने वाली है।
खास बात यह है कि इस फिल्म में साध्वी पर हुए जुल्मों की कहानी होगी। जिसके जरिए वह कांग्रेस और उसके प्रत्याशी दिग्विजय सिं�� को मैदान में घेरेगी। वैसे अभी तक बीजेपी संघ और भगवा के नाम पर कांग्रेस का घेराव कर रही थी, विचारधारा और हिन्दुत्व की बात कही जा रही थी लेकिन यह पहला मौका होगा जब कोई साध्वी कांग्रेस को फिल्म के सहारे मात देने की कोशिश करेगी।इस फिल्म की अवधि 18 मिनट है और इसमें कथित हिंदू आतंकवाद लेकर तत्कालीन यूपीए सरकार की रवैये को दिखाया गया है। जो इसे साबित करने के लिए कई तरह के हथकड़े अपनाती है। इस फिल्म में ये भी दिखाया जाएगा कि किस तरह से कांग्रेस पार्टी के दबाव में जांच एजेंसियों ने उन्हें प्रताड़ित किया था और जिसे अब कांग्रेस पार्टी दरकिनार कर रही है। इसी के साथ प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने आरोप लगाए थे जिसमें उन्होंने बताया कि पुलिस हिरासत में उन्हें काफी प्रताड़ित किया गया था। इन आरोपों को बाद में गलत कहा गया था। इस विषय को लेकर भी फिल्म में अपना पक्ष रखा जाएगा। संभावना जताई जा रही है कि आज-कल में यह फिल्म यू-ट्यूब पर रिलीज हो सकती है।
इन मुद्दों को भी किया गया है शामिल
खबर है कि फिल्म में दावा किया गया है कि साध्वी प्रज्ञा के टॉर्चर के आरोपों की जांच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में करने वाले वही लोग थे जो उन पर अत्याचार करने में शामिल थे। इस फिल्म में हिंदू या भगवा आतंकवाद को लेकर यूपीए सरकार के समय किस तरह विमर्श तैयार किया गया, उसका भी पर्दाफ़ाश होगा। समझौता एक्सप्रेस और मक्का मस्जिद धमाकों को लेकर किस तरह जांच का रुख मोड़ा गया इसका भी जिक्र है।सुत्रों की माने तो इस फिल्म के सहारे संघ बड़े नेताओं का घेराव करने की फिराक में है। बताया जा रहा है कि यूपीए ने किस तरह आरएसएस के बड़े नेताओं को लपेटे में लेने की कोशिश की इसका भी जिक्र फिल्म में किया गया है।