इस्तीफा मंजूर होने के बाद निशा बांगरे ने कांग्रेस पर उठाए सवाल, कमलनाथ से कहा ‘अपना स्टैंड क्लियर करें’

निशा बांगरे का इस्तीफा मंजूर होने के बाद अब आमला विधानसभा सीट को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कांग्रेस दो दिन पहले आमला सीट पर मनोज मावले को टिकट दे चुकी है लेकिन निशा बांगरे इसे लेकर अब खुलकर विरोध जता रही है। उनका एक मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वो कांग्रेस  द्वारा टिकट का आश्वासन दिए जाने और अन्य नाम घोषिक किए जाने को लेकर नाराजगी जता रही हैं।

आमला विधानसभा सीट को लेकर पसोपेश

पिछले कुछ समय से आमला विधानसभा सीट चर्चाओं में है। दरअसल कांग्रेस यहां से पूर्व डिप्टी कलेक्टर को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी में थी। अपनी दो लिस्ट में उसने 229 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी और सिर्फ आमला सीट को होल्ड पर रखा था। निशा बांगरे के मुताबिक ‘मुझे कांग्रेस द्वारा आश्वासन दिया गया था कि अंतिम 2 दिनों तक आपके इस्तीफे का इंतजार किया जायेगा।’ लेकिन इस्तीफे के मंजूर होने में देरी के चलते कांग्रेस ने वहां से दूसरे नाम मनोज मावले को टिकट दे दिया। अब जबकि उनका इस्तीफा मंजूर हो गया है ऐसे में बैतूल की पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे व्हाट्सएप ग्रुप्स में मैसेज करते हुए कहा है कि वो चुनाव लड़ेंगीं।

क्या कांग्रेस बदलेगी प्रत्याशी ?

इस मैसेज में उन्होने लिखा है कि ‘नमस्कार बंधुओ, सभी के सवाल है कि आप किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगी ? मैं बताना चाहूंगी कि मुझे कांग्रेस द्वारा आश्वासन दिया गया था कि अंतिम 2 दिनों तक आपके इस्तीफे का इंतजार किया जायेगा। अब आज कांग्रेस की परीक्षा की घड़ी है।कांग्रेस बताए कि मेरे संघर्ष में भाजपा को दलित और महिला विरोधी ठहराने वाली खुद दलितों और महिलाओं की कितनी पक्षधर है? आज कमलनाथ जी से मिलना चाहूंगी।वो अपना स्टैंड क्लियर करे। चुनाव तो आमला सारणी की जनता मेरे चेहरे पर लड़ेंगी ही। परिणाम कुछ भी हो, फर्क नहीं पड़ता। जय हिन्द।’ इस तरह उन्होने कांग्रेस द्वारा अन्य प्रत्याशी को खड़ा करने पर खुलकर नाराजगी जताते हुए कमलनाथ से मिलने की इच्छा जाहिर की है। इधर ये संभावना भी बनी हुई है कि कांग्रेस आमला विधानसभा सीट पर प्रत्याशी के नाम को लेकर पुनर्विचार कर सकती है और इसे बदले जाने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। लेकिन निशा बांगरे का ये मैसेज वायरल होने के बाद सियासी गलियारों में हड़कंप है। यदि निशा निर्दलीय प्रत्याश के रूप में चुनाव लड़ती हैं तो यहां से कांग्रेस और बीजेपी दोनों को नुकसान हो सकता है। जहां बीजेपी के वोट बैंक में सेंध लग सकती है वहीं कांग्रेस के वोट भी बंट सकते हैं। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि अब इस दुविधाजनस स्थिति का क्या हल निकलता है।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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