भोपाल। लोकसभा चुनाव के दौरान जिस तरह से सरकार ने ई-टेंडरिंग फर्जीवाड़ा समेत अन्य घोटालों की जांच में सक्रियता दिखाई है। उसके बाद से यह चर्चा है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद भाजपा के रतलाम एवं भोपाल के प्रत्याशियों की फाइल खुल सकती है। रतलाम से जीएस डामोर और भोपाल से प्रज्ञा ठाकुर भाजपा की प्रत्याशी है। डामौर के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में जांच चल रही है, वहीं प्रज्ञा ठाकुर अपराधिक मामलों में आरोपी है।
बताया गया कि सुनील जोशी हत्याकांड में आरोपी रहीं प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत अन्य आरोपियों को देवास कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है। कोर्ट ने फैसले में बिंदु क्रमांक 124 पर उल्लेख किया था कि ‘अभियोजन द्वारा एकत्रित समग्र साक्ष्य के विश्लेशण उपरांत यह प्रकट हुआ है कि हत्या जैसा संवदेनशील एवं गंभीर प्रकरण में मप्र पुलिस औद्योगिक क्षेत्र देवास एवं राष्ट्रीय अनुसंधान अभिकरण (एनआईए)दोनों ही अनुसंधान एजेंसियों ने पूर्वाग्रह अथवा अज्ञात कारणों से गंभीरतापूर्वक अनुसंधान नहीं करते हुए जिस दुर्बल प्रकृति की परस्पर प्रतिकूल साक्ष्य एकत्रित की गई है वह अभियुक्तगण को उन पर विरचित आरोपों में दोषसिद्ध किए जाने हेतु पर्याप्त नहीं होते हुए ऐसी विरोधाभासी स्वरूप की साक्ष्य से अभियोजन के कथानक पर ही गंभीर संदेह उपत्पन्न हो गया है।Ó राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि चुनाव के नतीजे आने के बाद इस तथ्य के आधार पर सरकार प्रज्ञा ठाकुर से जुड़े इस केस को खोल सकती है। सूत्रों ने बताया कि जल्द ही विधि विशेषज्ञों से इस संबंध में सलाल ली जाएगी। इसके बाद केस को रीओपन करने का फैसला लिया जा सकता है।
डामोर पर हैं भ्रष्टाचार के आरोप
राजनीति में आने से पहले जीएस डामोर पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग में प्रमुख अभियंता था। उनके खिलाफ लोकायुक्त एवं विभाग मे ंकई स्तर पर शिकायतें लंबित हैं। भाजपा शासन काल में उनके खिलाफ जांच नहीं हुई। अब कांग्रेस शासन काल में डामोर के खिलाफ लंबित शिकायतों की जांच में तेजी आई है। मुख्यमंत्री कमलनाथ केा भी डामोर के खिलाफ शिकायतों का पुलंदा मिल चुका है। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि चुनाव बाद डामोर की भ्रष्टाचार की शिकायतों के चलते मुश्किलें बढ़ सकती हैं।