भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में न्यूनतम समर्थन मूल्य (minimum support price) पर गेहूं की खरीदी (Wheat procurement) शुरू हो गई है। इसके साथ ही साथ इस बार भी मध्यप्रदेश में गेहूं की खरीदी रिकॉर्ड होने की संभावना जताई जा रही है। वहीं राज्य सरकार द्वारा 135 लाख टन के हिसाब से गेहूं खरीदी की तैयारी की गई है। जिसके बाद अब शिवराज सरकार (shivraj government) ने इस मामले में केंद्र सरकार से मदद मांगी है।
दरअसल मध्यप्रदेश में इस बार भी रिकॉर्ड गेहूं खरीदी की संभावना जताई जा रही है। वहीं प्रदेश में पहले से ही पिछले साल खरीदी गेहूं से गोदाम भरे हुए हैं। जिसका अभी तक उठाव नहीं हो पाया है। अब इस मामले में राज्य सरकार चिंतित है। वहीं राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है। केंद्र सरकार से अनुरोध करते हुए राज्य सरकार ने कहा कि गोदाम में रखे अनाज को केन्द्रीय पुल में लिया जाए और साथ ही साथ प्रदेश से गेहूं उठाव की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए।
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दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्र सरकार से केन्द्रीय पुल के खरीद के साथ गेहूं उठाव करने की भी मांग की है। इस मामले में राज्य नागरिक आपूर्ति निगम ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। वही नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में पहले से ही गोदाम 90 लाख टन गेहूं और धान से भरे हुए हैं। वही सेंट्रल पूल में मध्य प्रदेश से सिर्फ 2 लाख टन गेहूं भेजा जाएगा। जिसके बाद अब राज्य सरकार इस मामले में सचेत हो गई है।
बता दें कि प्रदेश में गेहूं खरीदी 27 मार्च से शुरू हो चुकी है। इसके साथ ही फसल की खरीदी भी की जा रही है किसानों को पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। वहीं किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी फसलों को बेचा जा रहा है। एक बार फिर से प्रदेश में खरीदे गए गेहूं को रखने की समस्या उत्पन्न हो सकती है। जिससे पहले सरकार से गुहार लगाई है।