भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने आज 19 जुलाई को कोविड-19 बाल सेवा योजना (Chief Minister Covid-19 Child Service Scheme) के अंतर्गत सिंगल क्लिक से 16 लाख 40 हजार रुपये की राशि 328 बाल हितग्राहियों के खाते में अंतरित की।इस मौके पर सीएम ने कहा कि एक जीवित और जागरूक समाज के रहते हुए कोई कैसे अनाथ रह सकता है।
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सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोविड-19 बाल सेवा योजना के हितग्राहियों को 5 हजार रूपये प्रतिमाह, भोजन के लिए राशन की व्यवस्था, शिक्षा के लिए भारत में कहीं भी शिक्षा का वहन राज्य सरकार करेगी।इसके अलावा भी यदि अन्य कोई आवश्यकता होगी, तो कलेक्टर्स उनकी देखभाल करेंगे। बच्चों की देखभाल के लिए हर जिले में एक पालक अधिकारी नियुक्त किया जाए।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि स्पॉन्सरशिप योजना के अंतर्गत 223 हितग्राहियों को दो हजार रुपये प्रतिमाह प्रति हितग्राही के रूप में 4 लाख 46 हजार रुपये की राशि अंतरित की गई। हितग्राही जिनके माता या पिता में से एक की मृत्यु एक मार्च 2021 से पहले हुई हो, उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं हो, उन्हें इस योजना का लाभ दिलाने के लिए भारत सरकार की स्पॉन्सरशिप योजना का सरलीकरण किया गया।
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सीएम शिवराज ने कोविड-19 बाल सेवा योजना , स्पॉन्सरशिप और फोस्टर केयर के अंतर्गत इंदौर, राजगढ़, सिवनी, बैतूल, मंदसौर, सतना एवं ग्वालियर के 13 बच्चों और अभिभावकों से वर्चुअली चर्चा की। बाल सेवा योजना में माता-पिता अथवा घर में कमाने वाले सदस्य की कोरोना से मृत्यु हो जाने से उनके आश्रित बच्चों को प्रति सदस्य 5 हजार रुपये प्रति माह, राशन एवं उनकी शिक्षा संबंधी सभी जिम्मेदारियाँ राज्य सरकार द्वारा वहन की जायेगी।
सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि जीवित समाज के रहते कोई कैसे अनाथ हो सकता है, मैं ऐसे ही नहीं कह रहा दुनिया में अनेक उदाहरण हमारे सामने हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता को बचपन में ही खो दिया था परंतु उन्होंने कभी हार नहीं मानी, वे आगे बढ़े और इतने आगे बढ़े कि समाज के पथ प्रदर्शक बनें। गोस्वामी तुलसीदास, विवेकानंद, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जार्ज वाशिंगटन आदि गुरू शंकराचार्य, मिल्खा सिंह, नेल्सन मंडेला, स्टीव जाव्स सहित अनेक उदाहरण हमारे सामने हैं, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में दुनिया को दिशा दिखाई।
कलेक्टर इंदौर के संज्ञान पर मुख्यमंत्री ने दिये निर्देश
कलेक्टर इंदौर मनीष सिंह द्वारा मुख्यमंत्री चौहान के संज्ञान में लाया गया कि एक प्रकरण में बाल सेवा योजना के हितग्राही बच्चों की दादी ने उनके माता-पिता के मकान को जिसकी लागत लगभग एक करोड़ थी, औने-पौने दाम में 40 लाख रुपये में बेचे जाने का मामला सामने आया। इस पर प्रशासन द्वारा हस्तक्षेप कर प्रकरण में कार्यवाही की गई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने तुरंत सभी कलेक्टर्स को निर्देशित किया कि ऐसे प्रकरणों के सामने आने पर तुरंत कार्रवाई कर हितग्राहियों की सम्पत्ति को सुरक्षित एवं संरक्षित करें। माता-पिता की संपत्ति उनके बच्चों के नाम ही हो, यह सुनिश्चित करें। उन्होंने कलेक्टर इंदौर की पहल को अनुकरणीय बताया।
क्या है योजना
कोविड -19 से अनेक परिवारों में आजीविका उपार्जन करने वाले माता/पिता की आकस्मिक मृत्यु हुई है, ऐसे प्रभावित परिवारों के बच्चो को शासकीय सहायता दी जाने की आवश्यकता है | इस योजना का उद्देश्य इन बच्चो को आर्थिक एवं खाद्य सुरक्षा प्रदान करना है , ताकि वे गरिमापूर्ण जीवन निर्वाह करते हुए अपनी शिक्षा भी निर्विघ्न रूप से पूरी कर सके ।
योजना के अंतर्गत दी जाने वाली सहायता
मासिक आर्थिक सहायता – प्रत्येक बाल हितग्राही को 5000/- प्रतिमाह की सहायता राशि बैक खाते में जमा की जावेगी। यदि बच्चे की आयु 18 वर्ष से कम है तो बच्चों की सहायता राशि चिन्हांकित संरक्षक के संयुक्त खाते में जमा की जावेगी। 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के उपरांत उसके व्यक्तिगत खाते में जमा की जावेगी। सहायता राशि संबंधित बाल हितग्राही को 21 वर्ष की आयु तक देय होगी।
मासिक राशन सहायता – प्रत्येक बाल हितग्राही और योजना के प्रावधानों के अंतर्गत नियुक्त उनके संरक्षक को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत मासिक राशन प्रदाय किया जायेगा।
शिक्षा सहायता– प्रत्येक बाल हितग्राही को स्कूल शिक्षा , उच्च शिक्षा , तकनीकी शिक्षा, मेडिकल शिक्षा,विधि शिक्षा आदि हेतु योजना के अनुसार नि:शुल्क शिक्षा ( पहली कक्षा से स्नातक तक ) उपलब्ध करवाई जाएगी।