भोपाल। शिवराज सरकार से मंत्री पद का दर्जा छोड़कर आंदोलन पर उतरे कंप्यूटर बाबा को भोपाल जिला प्रशासन ने रोड शो करने की अनुमति नहीं दी। उन्होंने शनिवार को भोपाल में रोड शो के लिए अनुमति मांगी। ऐेसे में कंप्यूटर बाबा ने पत्रकारवार्ता बुलाकर शिवराज सरकार पर धर्म विरोध होने के आरोप लगाए। साथ ही ऐलान किया कि प्रदेश से भ्रष्ट और धर्म विरोधी सरकार को हटाने के लिए संत समाज कांग्रेस को समर्थन देता है। इस दौरान उनके साथ सैकड़ों की संख्या में संत मौजूद थे।
शिवराज सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त और बाद में सरकार से नाराज हुए कम्प्यूटर बाबा के नेतृत्व में आज सुबह ही लगभग एक हजार साधु सरकार के खिलाफ भोपाल पहुंच चुके थे। जिला प्रशासन से रोड शो की अनुमति मांगी थी, लेकिन सुरक्षा कारणों का हवाला देकर अनुमति नहीं दी गई। इसके बाद उन्होंने छोला क्षेत्र में एक मंदिर पर संतों के साथ पत्रकारवार्ता बुलाई। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार संतों से डर गई है। यही वजह है प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। बाबा ने शिवराज सरकार पर नर्मदा में अवैध उत्खनन करने, गौमाता का प्रदेश में दुर्दशा होने, संतो की उपेक्षा के आरोप लगाए।
संतों की दोस्ती और दुश्मनी दोनों भारी
चुनाव के कुछ घंटे पहले शायद भाजपा को महसूस हो रहा है कि संतों की दोस्ती और दुश्मनी दोनों ही भारी पड़ सकती हैं। चुनाव के कुछ माह पहले शिवराज सिंह चौहान ने संतों की नाराजगी दूर करने एक साथ पांच संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया था। कुछ ने स्वीकार किया और कुछ ने ठुकरा दिया। स्वीकार करने वाले कम्प्यूटर बाबा तो भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के मूड में थे, लेकिन शिवराज ने उन्हें ज्यादा घास नहीं डाली। शिवराज से मुलाकात का समय न मिलने और संत समाज की नाराजगी को देखते हुए कम्प्यूटर बाबा इस्तीफा देकर शिवराज के खिलाफ ही हो गए। वे पिछले सवा महीने से शिवराज सरकार के खिलाफ झंडा उठाए हुए हैं। शुक्रवार को जबलपुर के ग्वारीघाट पर कम्प्यूटर बाबा ने संतों की संसद बुलाई। इस संसद के जो वीडियो वायरल हो रहे हैं उसमें साफ दिख रहा है कि नेताओं की सभा से ज्यादा भीड़ संतों की संसद में दिख रही है। लगभग ढाई हजार संतों ने हाथ उठाकर कांग्रेस को समर्थन करने की प्रतिज्ञा ली। इस सभा में कम्प्यूटर बाबा ने सरकार के खिलाफ जमकर जहर उगला। संतों ने कम्प्यूटर बाबा को चंद्रगुप्त की उपाधि तक दे दी।
बिना बातचीत के कांग्रेस को समर्थन
कंप्यूटर बाबा ने कहा कि संतों ने बिना किसी समझौते के कांग्रेस को समर्थन का ऐलान किया है। भाजपा ने 15 साल शासन किया है, प्रदेश में हर जगह लूट मची है। तो 5 साल कांग्रेस को देकर देखते हैं, यदि ठीक काम नहीं करेंगे तो जनता पांच साल बाद हटा देगी। शिवराज के राज में प्रदेश में अराजकता फैली है। इसके खिलाफ संत एकजुट हैं। दो दिन पहले शिवराज सरकार के खिलाफ नर्मदा किनारे परिवर्तन महायज्ञ किया। शुक्रवार को नर्मदे संसद बुलाई। अब भोपाल में संत भाजपा के खिलाफ एकजुट हुए हैं।
भगवा टोली हुई खिलाफ
जिस भगवा रंग के सहारे भाजपा सत्ता के शिखर तक पहुंची थी। आज वहीं भगवा टोली भाजपा के खिलाफ बड़ा शो करने जा रही है। शुक्रवार को जबलपुर में हुई नर्मदे संत संसद में लगभग ढाई हजार साधुओं ने नर्मदा के प्रदूषण के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार को दोषी बताते हुए चार दिन बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा कर दी है। कंप्यूटर बाबा ने भाजपा का खेल बिगाड़ दिया है। बाबा के विरोध के चलते कोई भी संत भाजपा के समर्थन में खुलकर आगे नहीं आया है।