Scholarship : छात्रवृत्ति के लिये आवेदन आमंत्रित, 21 जनवरी तक कर सकते है अप्लाई

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। MP के संगीत प्रेमियों के लिए खुश खबरी है। मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद (Madhya Pradesh Culture Council) के अंतर्गत संचालित उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी (Ustad Alauddin Khan Academy of Music and Arts) की ओर से गुरू-शिष्य परम्परा के तहत ध्रुपद गायन का प्रशिक्षण अकादमी के ध्रुपद केन्द्र में दिया जा रहा है। अकादमी ने प्रशिक्षण के लिये प्रतिभागियों से प्रशिक्षण के लिये 21 जनवरी 2021 तक आवेदन आमंत्रित किये हैं।वही Scholarship भी दी जाएगी।

Scholarship : छात्रों को एक और बड़ी राहत, अब इस तारीख तक कर सकते है आवेदन

खास बात ये है कि प्रशिक्षण की अवधि 4 वर्ष रहेगी। चयनित प्रतिभागी(Selected Participants) को प्रशिक्षण के दौरान प्रतिमाह 3 हजार रूपये बतौर छात्रवृत्ति (Scholarship) दी जायेगी। आवेदक की उम्र 16 से 25 वर्ष होनी चाहिए।  अधिक जानकारी अकादमी की वेबसाइट www.kalaacademymp.com या https://www.facebook.com/kalamitrabpl/ एवं अन्य माध्यम से डाउनलोड की जा सकती है। आवेदन पत्र की फोटो प्रतियाँ भी स्वीकार की जायेंगी।

भोपाल में स्थित है यह अकादमी

उस्ताद अलाउद्दीन ख़ाँ संगीत अकादमी भोपाल (Bhopal), मध्य प्रदेश में स्थित है। इस अकादमी की स्थापना सन 1979 में की गई थी। इसका उद्देश्य उस्ताद अलाउददीन ख़ाँ के अवदान और परम्परा का अध्ययन, विस्तार और परिरक्षण के साथ-साथ हिन्दुस्तानी संगीत और शास्त्रीय नृत्य के उच्च स्तरीय प्रशिक्षण, दुर्लभ संगीत शैलियों के पुनराविष्कार करना है।

यह है इसकी मुख्य  विशेषताएं

अकादमी के अंतर्गत शास्त्रीय संगीत, दुर्लभ ध्रुपद गायन शैली के संदर्भ में ध्रुपद केन्द्र और रायगढ़ घराना की कथक शैली के संदर्भ में चक्रधर नृत्य केन्द्र भी अध्ययन और अनुशीलन के सक्रिय मंच के रूप में कार्यरत हैं।चक्रधर नृत्य समारोह, उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत समारोह और उस्ताद अमीर खाँ समारोह इसके मुख्य आयोजन है।अलाउद्दीन ख़ाँ व्याख्यानमाला, दुर्लभ वाद्य विनोद, चक्रधर समारोह, रायगढ़ ध्रुपद समारोह, कथक प्रसंग, अलाउद्दीन ख़ाँ स्मृति संगीत समारोह (मेहर), अमीर खान समारोह (इंदौर) आदि कार्यक्रमों का आयोजन करना इस संस्थान का कार्य है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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