भोपाल। खाली खजाने की मार झेल रही कमलनाथ सरकार के सामने चुनौतियों का पहाड़ खड़ा हो गया है। कर्ज माफी का वादा तो सरकार ने धूमधाम से किया लेकिन अब फंड की कमी होने से जूझ रही सरकार इससे निपटने के लिए नए फॉर्मूले पर काम कर रही है। अब सरकार किसानों की कर्ज माफी के लिए बैंक में किस्तों में रकम का भुगतान करेगी। सूत्रों के मुताबिक कमलनाथ सरकार पहली किस्त के तौर पर 40 से 50 हजार रुपए प्रति किसान के हिसाब से बैंक में भुगतान करने वाली है।
इसके लिए कृषि और वित्त विभाग ने तैयारिया करना शुरू कर दी है। पहले राउंड में सरकार प्रदेश के करीब 25 लाख किसानों का कर्ज भुगतान बैंक में जमा करवाएगी। कमलनाथ चाहते हैं कि पहले राउंड में ही करीब 35 लाख किसानों का कर्ज माफी कर दिया जाए और उनके कर्ज की रकम को बैंक खातों में जमा करा दी जाए। जिन किसानों ने 50 हजार तक या फिर उससे कम का लोन बैंक से लिया है उनका पहले राउंड में ही कर्ज माफ किया जाएगा। दूसरी किस्त में उन किसानों को शामिल किया जाएगा जो 50 हजार से अधिक कर्जदार हैं। सूत्रों के मुताबिक इन किसानों का कर्ज सरकार लोकसभा चुनाव के बाद बैंक में अदा करेगी।
लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश के उन किसानों को बड़ी राहत मिलेगी जिन्होंने 50 हजार का कर्ज लिया है। लोकसभा चुनाव के बाद 50 हजार से अधिक कर्ज वाले किसानों को सरकार राहत देगी। वित्त विभाग राष्ट्रीयकृत बैंकों से किसानों द्वारा लिए गए ऋण के बारे में फैसला करेगा, जो अंत में (एनपीए) बन गए हैं। वित्त विभाग भी बैंकों के साथ एनपीए पर बातचीत कर रहा है। सरकार बैंक से किसानों के कर्ज पर कुछ राहत की उम्मीद चाहती है। ऐसी संभावना है कि सहकारी बैंकों से किसानों द्वारा लिए गए ऋण पहले माफ किए जाएंगे। सहकारी समितियों में ऋण माफी में अनियमितताएं सामने आई हैं। आगे की समस्याओं से बचने के लिए कृषि ऋण माफी प्रक्रिया के बाद अनियमितताओं की जांच की जाएगी।
नाथ ने कर्जमाफी के पात्र किसानों के बैंक खातों में लोन की राशि हस्तांतरित करने के लिए अधिकारियों को फरवरी के अंत की समय सीमा दी है। लोकसभा चुनाव के लिए मार्च के पहले सप्ताह में आचार संहिता प्रभावी होगी। नाथ चाहते हैं कि कृषि ऋण माफी का पैसा आचार संहिता लागू होने से पहले किसानों के खातों में डाल दिया जाए। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फैसला किया है कि किसानों की सूची, जिनके ऋण माफ किए जाएंगे, उन्हें समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाएगा। नाथ ने अधिकारियों को फरवरी में ऋण माफी की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं ताकि किसानों की सूची, जिनके ऋण माफ कर दिए गए हैं, 1 मार्च से प्रकाशित हो सकें।