भोपाल। भोपाल। चुनाव आयोग की हरी झंडी मिलने के बाद भी प्रदेश के उन किसानोंं को कर्जमाफी की राशि नहीं मिल पाई है जिन्होंने आचार संहिता से पहले आवेदन किया था। 4.83 लाख किसान अभी तक सरकार द्वारा उनके कर्जमाफी के इंतजार में है। जिसके बाद वह नई फसल के लिए बैंक से कर्ज ले सकें। आयोग ने जिन सीटों पर चुनाव संपन्न हो चुके हैं वहां के किसानों को राशि भेजने के लिए अनुमति दे दी है। इससे पहले कृषि विभाग ने किसानों के कर्जमाफी की राशि भेजने की ईसी से अनुमति मांगी थी।
दरअसल, सरकार ने चार लाख से अधिक किसानों का कर्जमाफ करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी। आयोग की अनुमति के बाद भी उनको किसान ऋण माफी योजना का लाभ नहीं मिला है। फ्री प्रेस अकबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक अब राज्य सरकार ने यह फैसला किया है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद ही किसानों के खातों में यह रकम भेजी जाएगी। कृषि ऋण माफी का मुद्दा सरकार और विपक्ष के बीच गले की हड्डी बन चुका है। मुख्यमंत्री कमलनाथ अपनी जनसभाओं में जोर देकर कह रहे हैं कि कृषि ऋणों को माफ कर दिया गया है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उनके दावे को चुनौती दे रहे हैं। सरकार ने पहले भी घोषणा की थी कि जिन किसानों का ऋण आचार संहिता लागू होने के कारण माफ नहीं किया गया था, उन्हें बाद में शुरू किया जाएगा।
चुनाव आयोग ने हालांकि कृषि ऋण माफी की अनुमति दे दी है, लेकिन सरकार ने लोकसभा चुनाव के नतीजे आने तक रोक लगा दी है। कृषि ऋण माफी के लिए सरकार द्वारा तय किया गया बजट खर्च किया गया है। माफी के लिए बजट में प्रावधान करने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। जानकारी के अनुसार, बजट सत्र जून के अंत से शुरू हो सकता है, जिसके दौरान सरकार द्वारा ऋण माफी का प्रावधान किया जाएगा।