भोपाल। लोकसभा चुनाव के नतीजों आने में एक दिन से भी कम का समय बचा है। गुरूवार को परीणाम आने के बाद चुनाव आचार संहिता हट जाएगी। इसके बाद सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती किसान कर्ज माफी है। अभी तक सरकार की ओर से दावा किया गया है कि 21 लाख से अधिक किसानों का कर्ज माफ किया जा चुका है। अब और किसानोंं का कर्ज माफ करने के लिए सरकार को 30 हज़ार करोड़ का इंतजाम करना है। इसके लिए सरकार ने रणनीति बनाना शुरू कर दी है। वित्त विभाग पहले से ही खाली खज़ाने की मार झेल रहा है।
योजना को सही तरह से प्रदेश में लागू करने के लिए राज्य सरकार अतिरिक्त राजस्व की जुगत में लगा है। चीफ सेक्रेटरी एसआर मोहंती ने इसके लिए एक प्लान तैयार किया है। जिससे सरकार के खज़ाने में 18 हाज़ार करोड़ रूपए राजस्व का इंतजाम किया जा सकेगा। इसमें सात विभागों की अहम भूमिका रहेगी। यह पैसा सरकार किसान कर्ज माफी के लिए जमा कर रही है। जिससे राज्य सरकार को वित्तीय परेशानी से उबारा जा सके। उत्पाद शुल्क, खनन, शहरी प्रशासन, जल संसाधन, परिवहन, पंजीकरण और राजस्व विभागों के माध्यम से राजस्व बढ़ाने की तैयारी की गई है।
इन विभागों के माध्यम से राजस्व में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए नए उपायों की खोज की जाएगी। इन विभागों के साथ हाल ही में हुई बैठक में नए प्रावधान बनाने की तैयारी की गई है। कैबिनेट बैठक के दौरान प्रस्ताव रखने के बाद इन नए प्रावधानों को लागू किया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे कि राजस्व संग्रह की प्रक्रिया तेज होगी और समय कम लगेगा। सरकार ने मार्च में राजस्व संग्रह के अपने लक्ष्य को पूरा किया था, लेकिन इसके लिए आने वाले समय में ऋण माफी के लिए बड़ी राशि की आवश्यकता है। कृषि ऋण माफी के अलावा, सरकार ने नए कामों की भी शुरुआत की है, जिसमें निवेश करने के लिए राशि की आवश्यकता होती है।