MP के इन कर्मचारियों को बड़ा झटका- दी जाएगी अनिवार्य सेवानिवृत्ति

Pooja Khodani
Published on -
Chhattisgarh Government employees

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) के सरकारी कर्मचारी केंद्र के समान महंगाई भत्ते (7 Pay Commission) की मांग कर रहे है, वही दूसरी तरफ बैतूल कलेक्टर (Betul Collector) ने साफ कहा है कि दफ्तरों में काम नहीं करने वाले कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। इस संबंध में कलेक्टर कार्यालय में जानकारी तैयार हो रही है। कलेक्टर के इस एक्शन के बाद कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है।

MP Weather: जल्द बदलेगा मौसम, होगी अच्छी बारिश! आज इन जिलों में बौछार के आसार

दरअसल, जिला प्रशासन द्वारा दफ्तरों में कार्य नहीं करने वाले कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की तैयारी की जा रही है।बैतूल कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने अपर कलेक्टर को ऐसे 20 साल की शासकीय सेवा अथवा 50 साल की उम्र पूरा कर रहे कर्मचारियों (Government Employee) की जानकारी तैयार करने के निर्देश दिए हैं जिनका सेवा अभिलेख संतोषजनक नहीं एवं जो कार्य नहीं कर रहे। उन्होंने कहा है कि इस तरह के कर्मचारियों के विरूद्ध नियमानुसार अनिवार्य सेवानिवृत्ति के प्रकरण तैयार किए जाएं।

MP के इन दो युवा नेताओं को नड्डा ने सौंपी बड़ी जिम्मेदारी, वीडी शर्मा ने दी बधाई

इतना ही नहीं कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने सीएम हेल्पलाइन (CM Helpline) में राजस्व विभाग की सर्वाधिक लंबित शिकायतों को गंभीरता से लिया है और अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे शीघ्रता से इन शिकायतों का संतुष्टिपूर्ण समाधान करें, अन्यथा लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। सोमवार को समयावधि पत्रों की समीक्षा बैठक में सीएम हेल्पलाइन के निराकरण में न्यूनतम प्रगति वाले तीन राजस्व अधिकारियों का एक-एक दिन का वेतन काटने के निर्देश कलेक्टर द्वारा दिए गए। समयावधि अंकित पत्रों पर समय-सीमा में उचित निराकरण नहीं होने पर बैतूल के अनुविभागीय अधिकारी सीएल चनाप को भी कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए।

अधिकारी होंगे जिम्मेदार

राजस्व अधिकारियों की बैठक में मंडला कलेक्टर (Mandla Collector) हर्षिका सिंह ने निर्देशित किया कि राजस्व न्यायालयों में चल रहे प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण करें। प्रकरणों के निराकरण में अनावश्यक किये जाने पर संबंधित अधिकारी व्यक्तिशः जिम्मेदार होंगे। 6 माह से अधिक कोई भी प्रकरण लम्बित नहीं रहना चाहिये। उन्होंने कहा कि प्रत्येक राजस्व अधिकारी प्रत्येक कार्यदिवस में कम से कम 20 प्रकरणों का निराकरण करें, अन्यथा की स्थिति में संबंधितों का अवैतनिक दिवस घोषित करने की कार्यवाही की जायेगी।


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News